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ब्रेक्सिट मामले पर थेरेसा मे की अग्निपरीक्षा, संसद में सियासी घमासान से गिर सकती है सरकार

Published: Jan 15, 2019 06:27:08 pm

Submitted by:

Shweta Singh

इस प्रस्ताव को संसद में समर्थन मिलता है और सदन में पारित होता तो आगामी 29 मार्च को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन संघ से बाहर निकल जाएगा।

Crucial time for govt of theresa may as voting for brexit line up in parliament

ब्रेक्सिट मामले पर थेरेसा मे की अग्निपरीक्षा, संसद में सियासी घमासान से गिर सकती है सरकार

लंदन। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के रिश्तों की भविष्य पर फैसले की घड़ी आ गई। ब्रिटेन की संसद में प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ईयू से अलग होने के प्रस्ताव बहस और वोटिंग होनी है। इस प्रस्ताव को संसद में समर्थन मिलता है और सदन में पारित होता तो आगामी 29 मार्च को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन संघ से बाहर निकल जाएगा। हालांकि इसके विफल होने की सूरत में थेरेसा सरकार पर संकट गहराता नजर आ रहा है।

खुद के पार्टी सदस्यों के बगावत का भी डर

इस गंभीर राजनीतिक चुनौती के गहराने से ब्रिटेन को ईयू को निकालने के लिए दोबारा सारी कवायद करनी पड़ेगी। इस बीच थेरेसा सरकार को इस बात का भी डर है कि वोटिंग के दौरान संसद में विपक्ष के अलावा उनके खुद पार्टी सदस्य भी उनके खिलाफ वोटिंग न कर दें। इसी आशंका के चलते उन्होंने रविवार को भी अपने पार्टी के सांसदों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ब्रेक्सिट मामले में विफल होना ‘लोकतंत्र के प्रति भरोसे का अनर्थकारी व अक्षम्य उल्लंघन होगा।’

वोटिंग के दौरान समर्थन देने की अपील

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मे ने सांसदों से उनकी ब्रेक्सिट डील को मंगलवार को वोटिंग के दौरान समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने से यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के बिना किसी समझौते के अलग होने या फिर ब्रेक्सिट नहीं होने का जोखिम होगा। मे ने कहा कि उनके ब्रेक्सिट समझौते पर हाउस ऑफ कॉमन्स में वोट करना ‘हमारी पीढ़ी के किसी भी सांसद के लिए सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला होगा।’ मे ने आगे कहा, ‘जब आप जनमत संग्रह में मतदान करने के लिए निकले थे, तो आपने ऐसा इसलिए किया क्योंकि आप चाहते थे कि आपकी आवाज सुनी जाए।’

देश के लिए जो सही वो करने का समय

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मे ने कहा, ‘आप में से कुछ ने दशकों में पहली बार राजनीतिक प्रक्रिया में अपना भरोसा जताया है। हम आपको बिल्कुल निराश नहीं कर सकते।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसा करना हमारे लोकतंत्र में भरोसे का एक अनर्थकारी और अक्षम्य उल्लंघन होगा।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए इस सप्ताह के अंत में संसद के लिए मेरा संदेश सरल है : यह समय वह करने का है जो हमारे देश के लिए सही है।’

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