डेनमार्क का शहर आरहुस गंदे पानी से उत्पन्न बिजली से रोशन होने वाला विश्व का पहला शहर बना।
नई दिल्ली. डेनमार्क का शहर आरहुस को दुनिया का पहला ऐसा शहर होने का गौरव मिला है जो अपने नागरिकों को घरेलू अपशिष्ट जल और सीवेज से बनाई गई ऊर्जा से अपने नागरिकों को पीने के लिए साफ और ताजा पानी मुहैया करा रहा है।
बायोगैस से उत्पन्न होता है बिजली
अरहूस शहर का मार्सेलीबोर्ग का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को चलाने में जितनी बिजली खर्च होती है, उसका 150 प्रतिशत उत्पादन कर रहा है। यह प्लांट बिजली उत्पादन घरेलू अपशिष्ट जल और मल से उत्पन्न बायोगैस से करता है। इस प्रक्रिया में अपशिष्ट जल को 38 सेल्सियस तापमान पर रखे गए डाइजेस्टर बैक्टरिया से गुजारा जाता है। इससे अधिकांशत: मीथेन गैस निकलती है।
आर्गेनिक मैटेरियल की भी जरूरत नहीं
आरहूस वाटर के जनरल मैनेजर लार्स स्कूडर के अनुसार, उनके इस सिस्टम में किसी अतिरिक्त आर्गेनिक मैटेरियल को नहीं मिलाया जाता है जैसा कि विंड टरबाइनों या सोलर पैनलों में होता है।