डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान ‘अमरीकी संरक्षणवाद’ पर उनकी सफाई थी। आपको बता दें कि जब से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं तो उन्होंने अपने कई फैसलों के जरिए अपनी ‘अमरीकी फर्स्ट’ की नीति सामने आई है। लेकिन दावोस में दिए गए अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि हम मुक्त व्यापार का समर्थन करते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि यह निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार के लिए दोनों ओर से निष्पक्षता जरूरी है।
ट्रंप ने कहा कि अगर कुछ देश सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं, तो हम मुक्त और खुला व्यापार का समर्थन नहीं कर सकते हैं। ट्रंप ने अपने भाषण में साफ ये संकेत दिए कि वो अब किसी भी देश के अनुचित व्यापार का समर्थन नहीं करेगा और ना ही व्यापार करने की इजाजत देगा। उन्होंने कहा कि व्यापक स्तर पर बौद्धिक संपदा चोरी, इंडस्ट्रियल सब्सिडीज और राज्य के नेतृत्व वाली आर्थिक योजना ग्लोबल मार्केट को नुकसान पहुंचाते हैं।
इसके अलावा ट्रंप ने अपने भाषण में आतंकवाद का भी जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि अमरीका अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाएगा। साथ ही ट्रंप ने खूंखार आतंकी संगठन ISIS को लेकर कहा कि इसके खात्मे के लिए अमरीका अपने सहयोगियों के साथ काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए अमेरिका गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में निवेश करने का यह बेहतर समय है। अमेरिका कारोबार के लिए खुला है। हम एक बार फिर से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। अमेरिका की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, हमने व्यापार को सुगम बनाने के लिए टैक्स में सुधार और कटौती की है। इस दौरान ट्रंप ने मीडिया को इतनी ज्यादा आजादी दिए जाने की भी कड़ी आलोचना की।
आपको बता दें कि दावोस में पीएम मोदी के भाषण में भी आतंकवाद का जिक्र हुआ था। उन्होंने कहा था कि दुनिया 2 आयामों पर ध्यान दे कि अच्छा आतंकवाद और खराब आतंकवाद के बीच जो कृत्रिम भेद बनाया गया है वो आतंकवाद से कहीं ज्यादा खतरनाक है। पीएम ने कहा था कि मुझे आशा है कि इस फोरम में आतंकवाद और हिंसा की दरारों से हमारे सामने उत्पन्न गंभीर चुनौतियों पर और उनके समाधान पर चर्चा होगी।’