फेसबुक, ट्विटर व गूगल आतंकवाद से निपटने में नाकाम : ब्रिटिश समिति
Published: Aug 25, 2016 07:17:00 pm
कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चिंताजनक है कि अरबों खातों पर निगरानी रखने के लिए कंपनी के पास केवल कुछ सौ कर्मचारी हैं
लंदन। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की प्रवर समिति ने आतंककारियों की भर्ती तथा फंडिंग को लेकर सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अमरीकी प्रौद्योगिकी कंपनियों की कड़ी आलोचना की है। ब्रिटिश संसद में लंबे समय तक सांसद रहे भारतीय मूल के कीथ वाज के नेतृत्व वाली समिति ने फेसबुक, ट्विटर, गूगल तथा यू-ट्यूब की आलोचना करते हुए कहा कि आतंककारियों द्वारा अपने भयावह एजेंडे के प्रसार के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है और ये कंपनियां जानबूझकर इस पर रोक नहीं लगा पा रही हैं।
समाचार पत्र ‘द टेलीग्राफ’ की गुरुवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वाज ने कहा, गूगल, फेसबुक तथा ट्विटर जैसी कंपनियां अरबों डॉलर की कमाई कर रही हैं और इस खतरे से जानबूझकर नहीं निपट पा रही हैं और यह जानने के बावजूद कि इनका इस्तेमाल आतंकी कर रहे हैं।
कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चिंताजनक है कि अरबों खातों पर निगरानी रखने के लिए कंपनी के पास केवल कुछ सौ कर्मचारी हैं। और तो और ट्विटर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आतंकी सामग्री के बारे में सही तरीके से रिपोर्ट भी नहीं करता है।
उन्होंने आतंकी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने वाले कथित धर्मगुरु अंजेम चौधरी के नाम पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस ने जब ट्विटर व यू-ट्यूब से उनके हिंसक अतिवादी भाषणों को हटाने के लिए कहा, तो उन्होंने इससे साफ तौर पर इनकार कर दिया।
अंजेम चौधरी (49) को आतंकी गतिविधियों के लिए पिछले सप्ताह दोषी ठहराया गया और उन्हें 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से उनके संबंधों को लेकर फ्रांस तथा बेल्जियम की सुरक्षा सेवाएं पूछताछ करने वाली हैं। ट्विटर ने इस साल की शुरुआत में 125,000 खातों को बंद करने की घोषणा की थी, जो प्राथमिक तौर पर आईएस समूह से संबंधित हैं।