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मीट पर नहीं, शिक्षा पर ध्यान दे भारत: नोबेल विजेता रामाकृष्णन

Published: Sep 18, 2017 11:27:04 am

Submitted by:

Dharmendra

नोबेल विजेता रामाकृष्णन ने कहा कि कौन किस तरह का मीट खाता है इसे लेकर हो रही सांप्रदायिक हिंसा से देश को नुकसान हो रहा है।

Nobel-winning scientist Venkatraman Ramakrishnan
कैम्ब्रिज. भारतीय मूल के नोबेल विजेता वेंकटरमन रामाकृष्णन ने सरकार को सुझाव दिया है कि भारत को कौन किस तरह का मीट खाता है। ऐसी सांप्रदायिक पालने की बजाय अच्छी शिक्षा पर ध्यान देना। अच्छी शिक्षा में भी फोकस साइंस और टेक्नीक पर होना चाहिए। ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में रामाकृष्णन ने कहा कि अगर भारत नए अविष्कार, साइंस और टेक्नीक में अगर इनवेस्ट नहीं करेगा तो वो आगे बढऩे की दौड़ में पीछे रह जाएगा। रामाकृष्णन ने कहा कि कौन किस तरह का मीट खाता है इसे लेकर हो रही सांप्रदायिक हिंसा और दो समुदायों में हो रहे धार्मिक द्वेष से देश को नुकसान हो रहा है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वो खुद को देशभक्त समझ रहे होंगे लेकिन वो असल देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोग या तो इतने अज्ञानी हैं कि ये समझ नहीं पा रहे कि वो क्या कर रहे हैं या फिर वो जानते हैं कि वो क्या कर रहे हैं और हर कीमत पर इसे करना चाहते हैं। इस बयान पिछले कुछ महीनों में हुए बीफ विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।

चीन से पिछड़े हम
रामाकृष्णन ने कहा कि चीन से भारत पहले ही काफी पीछे हो गया है। अगर पचास साल पहले दोनों देशों को देखें तो दोनों की तुलना हो सकती थी। जब भारत को चीन से थोड़ बेहतर कहा जा सकता था। रामाकृष्णन ने कहा कि भारत में आज भी एक समस्या हावी है वहां जरा सी बात पर सांप्रदायिक लड़ाइयां हो जाती हंैं। रामाकृष्ण ने कहा कि भारतीयों को और ज्यादा सहिष्णु बनकर देश को आधुनिक बनाने पर फोकस करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत निरंतर पिछड़ता जाएगा।

साइंस पर हो निवेश
रामाकृष्णन ने कहा कि छात्रों को गणित, भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान के अलावा साहित्य, इतिहास और कला इत्यादि का भी ज्ञान होना चाहिए। भारत जैसे देश तब तक प्रगति नहीं कर सकती जब तक कि वो साइंस में निवेश न करें। उन्होंने कहा कि ऐसे देश भी हैं जिनके पास संसाधन काफी हैं लेकिन ज्ञान के अभाव के चलते वो पिछड़े हुए हैं, जबकि सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देश संसाधनों के मामले में पिछड़े हैं लेकिन ज्ञान के बल पर अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं।
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