चीन से पिछड़े हम
रामाकृष्णन ने कहा कि चीन से भारत पहले ही काफी पीछे हो गया है। अगर पचास साल पहले दोनों देशों को देखें तो दोनों की तुलना हो सकती थी। जब भारत को चीन से थोड़ बेहतर कहा जा सकता था। रामाकृष्णन ने कहा कि भारत में आज भी एक समस्या हावी है वहां जरा सी बात पर सांप्रदायिक लड़ाइयां हो जाती हंैं। रामाकृष्ण ने कहा कि भारतीयों को और ज्यादा सहिष्णु बनकर देश को आधुनिक बनाने पर फोकस करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत निरंतर पिछड़ता जाएगा।
साइंस पर हो निवेश
रामाकृष्णन ने कहा कि छात्रों को गणित, भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान के अलावा साहित्य, इतिहास और कला इत्यादि का भी ज्ञान होना चाहिए। भारत जैसे देश तब तक प्रगति नहीं कर सकती जब तक कि वो साइंस में निवेश न करें। उन्होंने कहा कि ऐसे देश भी हैं जिनके पास संसाधन काफी हैं लेकिन ज्ञान के अभाव के चलते वो पिछड़े हुए हैं, जबकि सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देश संसाधनों के मामले में पिछड़े हैं लेकिन ज्ञान के बल पर अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं।