बताया जा रहा है कि स्टैडलर पर डीजल इंजन के उत्सर्जन संबंधी धोखाधड़ी के मामले में फॉक्सवैगन के सहायक होने का आरोप लगा है।
धोखाधड़ी में ऑडी की भागीदारी के मिले सबूत
जर्मनी के अभियोजक ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डीजल इंजन के उत्सर्जन के मामले में ऑडी की भी भागीदारी के सबूत मिलने के कारण यह कदम उठाया गया है।
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म्यूनिख में मीडिया से बात करते हुए अभियोजक ने कहा कि फॉक्सवैगन, ऑडी और पॉर्श के 4,30,000 से अधिक वाहनों में डीजल उत्सर्जन छिपाने वाला उपकरण लगाए गए थे।
इस मामले में प्रोफेसर रुपर्ट स्टैडलर और तीन अन्य लोगों को धोखाधड़ी, गलत प्रमाणन तथा गैर-कानूनी विज्ञापन का आरोपी बनाया गया है।’
बता दें की तीन इससे पहले ऑडी के गलती मान लेने के बाद से ही स्टैडलर कई सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं। नवंबर 2015 में चीटिंग सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल की बीत सामने आई थी।
क्या है मामला?
आपको बता दें कि इस तरह के सॉफ्टवेयर, डीजल-ईंधन वाली कारों में लगाए जाते हैं। इसकी मदद से वाहनों को यह पता लगाने की सहुलियत होती है कि उनका परीक्षण लैब में किया जा रहा है। इसकी मदद से वे लैब में सड़क पर जारी वास्तविक स्तर से कहीं कम हानिकारक उत्सर्जन करते हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि स्टैडलर को ‘सितंबर 2015 में’ इस बारे में पता चला, जब फॉक्सवैगन ने एक अमरीकी जांच का जवाब देते हुए यह बात स्वीकारी थी। वोक्सवैगन ने दुनिया भर में 11 मिलियन धोखाधड़ी वाले वाहनों को बेचने की बात स्वीकार की थी।
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बता दें कि ऑडी के चीफ एग्जिक्यूटिव रुपर्ट स्टैडलर को इससे पहले 2018 में गिरफ्तार किया गया था। इस संबंध में ऑडी की पेरेंट कंपनी फॉक्सवेगन के प्रवक्ता ने दी थी।
म्यूनिक प्रॉसिक्यूटर ने कहा था कि डीजल एमिशन मामले में स्टैडलर सबूतों के साथ छेड़-छाड़ कर सकते हैं।
प्रॉसिक्यूटर के ऑफिस ने बीते साल डीजल एमिशन में हुई गड़बड़ी के दायरा बढ़ाते हुए फोक्सवेगन ग्रुप के लग्री ब्रांड ऑडी के रुपर्ट स्टैडलर को भी शामिल किया था, इसमें फर्जी और झूठे विज्ञापन दिखाने के मामले में आरोपी बनाया गया था।
हालांकि इससे तीन साल पहले एक बार फॉक्सवेगन ने यह माना था कि यूनाइटेड स्टेट्स के डीजल टेस्ट में फर्जीवाड़ा किया था।
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