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फ्रांस: बिना हाथ वालें नवजातों की बढ़ रही है तादाद, पैरेंट्स की चिंता के बाद दिए गए राष्ट्रव्यापी जांच के आदेश

Published: Nov 01, 2018 02:26:36 pm

Submitted by:

Shweta Singh

इस मामले की पहली बार राष्ट्रव्यापी जांच की जा रही है, जिसकी पुष्टि पब्लिक हेल्थ एजेंसी के मुखिया फ्रॉन्स्वा बोदलॉन ने की है।

France govt concerns over baby born with limbs defect

फ्रांस: बिना हाथ वालें नवजातों की बढ़ रही है तादाद, पैरेंट्स की चिंता के बाद दिए गए राष्ट्रव्यापी जांच के आदेश

पेरिस। फ्रांस में पैरेंट्स बनने की दहलीज पर खड़े कपल्स के अंदर चिंता एक खास डर बैठ गया है। इसका कारण वहां पैदा होने वाले नवजातों में पाई जाने वाली एक विकृति है। दरअसल हाल में वहां बिना हाथ या हाथ में किसी तरह की खास कमी वाले बच्चों के पैदा होने के मामले काफी बढ़ गए हैं। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए वहां की सरकार ने देशव्यापी जांच के आदेश दिए हैं।

मामले की पहली बार राष्ट्रव्यापी जांच

मीडिया रिपोर्ट की माने तो फ्रांस के कई इलाकों से जन्मदोष के ये मामले सामने आ रहे हैं। वहां इस मामले की पहली बार राष्ट्रव्यापी जांच की जा रही है, जिसकी पुष्टि पब्लिक हेल्थ एजेंसी के मुखिया फ्रॉन्स्वा बोदलॉन ने की है। उन्होंने एक रेडियो चैनल के माध्यम से आश्वस्त किया कि इस बारे में नागरिकों से कुछ छिपाया नहीं जाएगा। बता दें कि सोमवार को ऐसे 11 नए मामलों के खुलासे के बाद इसे लेकर चिंता और गहरा गई।

बीते 15 सालों में सामने आए कई मामले

स्वास्थ्य विभाग की ओर उजागर किए गए ये मामले साल 2000 से 2014 के बीच के हैं। स्विस बॉर्डर के पास एन इलाके में ये मामले दर्ज हुए थे, जिन्हें पहले सार्वजनिक नहीं किया गया था। गौरतलब है कि बीते 15 सालों में फ्रांस के अलग-अलग इलाकों से ऐसे लगभग 25 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि ये आंकड़ें ज्यादा नहीं है, लेकिन इनके लगातार बढ़ने और फ्रेंच मीडिया में इसकी रिपोर्टिंग के बाद ये डर और चर्चा का विषय बन गया है।

एक पीड़ित मां का बयान

इस मसले पर फ्रांस की स्वास्थ्य मंत्री ने भी टिप्पणी करते हुए कहा है कि ये समस्या पर्यावरण, प्रेग्नेंट महिलाओं के खान-पान, किसी से भी संबंधित हो सकती है। दूसरी ओर पेशे से डॉक्टर और खुद इस समस्या की भुगत भोगी रही इजाबेल की चिंता इस पर अलग है। जानकारी के मुताबिक साल 2012 में उन्हें एक बेटी हुई, जिसका बायां हाथ ही नहीं था। इजाबेल कहती हैं प्रशासन जिस तरह इन मामलों को हैंडल कर रहा है, उनके रवैए पर संदेह पैदा हो रहा है।

इस मामले को दबाना चाहता था प्रशासन

अपनी अपनी बेटी के जन्म को याद करते हुए उन्होंने मीडिया से कहा ये किसी बुरे सपने को जीने जैसा था। इजाबेल का कहना है कि उनकी बेटी के जन्म के कुछ महीने बाद उन्हें फ्रांस के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में ऐसी ही समस्या झेल रहे कुछ और परिवार मिले। लेकिन इजाबेल प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदम से खुश नहीं है, उनका कहना है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने उनके जैसे पीड़ितों की चिंताओं को दूर नहीं किया। यही नहीं उन्हें और उनके जैसे सभी परिवारों को लगता है कि प्रशासन इस मामले को दबाना चाहता था।

जेनेटिक से संबंधित समस्या?

वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये समस्या जेनेटिक से भी जुड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि वर्ष 1950 और 1960 के दशक में दुनियाभर के हजारों बच्चे अंग विकृति के साथ पैदा हुए। उस वक्त ये समस्या थालिडोमाइड दवा से जुड़ी बताई गई थी। इस दवा का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं की उबकाई जैसी समस्या के उपचार में किया जाता था। लेकिन विकृति के सामने आने के बाद 1960 के दशक में इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

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