इस वजह से लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
मैक्रों के सेंट्रल ला रिपब्लिक एन मार्चे (द रिपब्लिक ऑन द मूव) को एसेंबली में पूर्ण बहुमत होने से इस अविश्वास प्रस्ताव को व्यापक तौर पर प्रतीकात्मक रूप से देखा गया। मतदान से पहले बहस के दौरान प्रधानमंत्री इडोआर्ड फिलिपे ने मैक्रों सरकार का ली मोंडे द्वारा प्रकाशित वीडियो फूटेज को लेकर बचाव किया, जिसमें राष्ट्रपति का अंगरक्षक अलेक्जेंड्रे बेनाला (26) 2018 के मई दिवस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को पीट रहा था। ली मोंडे के वीडियो जारी करने के बाद मैक्रों ने बेनाला को बर्खास्त कर दिया था।
ये भी पढ़ेंः कलेक्टर से छिना अधिकार, भू-आयुक्त करेंगे पटवारी हल्का का गठन, जानिए, ये भी नियम बदले
मैक्रों के पास है बहुमत
बता दें कि साल 2017 में मई में हुए राष्ट्रपति चुनावों में 39 साल के मैक्रों को 66.06 फ़ीसदी वोट मिले थे। मैरीन राष्ट्रपति चुनाव में भी उतरी थीं उन्हें मैक्रों के 66.06 फ़ीसदी वोट के मुक़ाबले 33.94 फ़ीसदी वोट मिले थे। मैंक्रों की लॉ रिपब्लिक एन मार्श और सहयोगी डेमोक्रेटिक मूवमेंट पार्टी को तीन सौ से अधिक सीटों पर जीत मिली थी। 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में ये सुरक्षित आंकड़ा माना जाता है।