100 से ज्यादा बसों पर आजादी के पोस्टर लगाए गए लंदन के 100 से ज्यादा बसों पर बलूचिस्तान की आजादी के नारे के पोस्टर लगाए गए।पोस्टरों पर ‘फ्री बलूचिस्तान’, ‘सेव द बलूच पीपुल’ और ‘स्टॉप एन्फोर्स्ड डिसअपीयरेंसेज’ लिखा गया था। वर्ल्ड बलूच संगठन ने ट्वीट कर लिखा की अब बलूच के लोग शांत नहीं बैठेंगे। सच का खुलासा हो चुका है। संगठन ने कहा कि बलूचिस्तान में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस पर मुहर लगा चुका है।
पाकिस्तान के चलते बलूचिस्तान अशांत वर्ल्ड बलूच आर्गेनाइजेशन (WBO) के प्रवक्ता भावल मेंगल ने कहा, ‘यह हमारे लंदन कैंपेन का तीसरा चरण है जो पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान में मानवाधिकार के उल्लंघन पर जागरुकता फैलाने के लिए आयोजित किया गया है। बलूच संगठन के प्रवक्ता मेंगल ने कहा कि पहले हमने टैक्सी पर इस तरह के पोस्टरों को लगाकर शुरुआत की और इसके बाद सड़क किनारे पोस्टर लगाए अब हम लंदन की बसों पर बलूचिस्तान की आजादी का नारा बुलंद करते हुए पोस्टर लगा रहे हैं। हमारे इस कदम को रोकने के लिए पाकिस्तान ने ब्रिटेन पर दबाव डाला लेकिन इसमें वह असफल रहा। पाकिस्तान ने ब्रिटेन से बलूच संबंधित इस गतिविधि पर प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाया था। हमारे इस कैंपेन को ताकत मिल रहा है और यह आने वाले हफ्तों में भी जारी रहेगा।‘ मेंगल ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला पाकिस्तान की गंदी सोच औ रणनीति है। बलूचिस्तान में पाक सेना के युद्ध अपराधों पर पर्दा डालने और बलूच नागरिकों की आवाज दबाने के लिए पाकिस्तान जोर लगा रहा है। हमारा शांतिपूर्ण विज्ञापन अभियान है। पाकिस्तान की आक्रामक प्रतिक्रिया ब्रिटेन सरकार और बलूच मानवाधिकार रक्षकों को धमकाने का एक असफल प्रयास है।
पाकिस्तान सरकार पर बलूच लोगों की हत्या का आरोप बलूच नेता नूरदीन मेंगल ने पाकिस्तान सरकार और सेना पर तंज कसते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने दस हजार से अधिक बलूच नागरिकों की हत्या कर दी या वे लापता हो गए। उन्होंने कहा, बलूचिस्तान पहले एक ब्रिटिश संरक्षक था जिसे 1947 में स्वतंत्रता दी गई थी। लेकिन 1948 में पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर लिया । बलूचिस्तान के नागरिकों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के विपरीत स्वतंत्रता नहीं है।