इस वजह से भी उठे सवाल
एंटॉन रॉगेट ने एक मीडिया समूह को इंटरव्यू देते हुए बताया कि रफाल सौदे के लिए भारत पहुंचे तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दौरे के दिन 25 जनवरी 2016 को अनिल अंबानी ने फ़िल्म की फाइनेंसिंग की घोषणा की थी। इसके बाद फिल्म के लिए पैसों के प्रबंध के मामले में ओलांद की प्रेमिका जूली गायेट, ओलांद और फ़िल्म ‘माई फ़ेमिली’ के निर्माताओं ने ऐसा क्यों कहा कि फ़िल्म में रिलायंस की भागीदार से रफाल समझौते से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि फ्रांस की फिल्म का न तो भारत में वितरण किया जाना था और न ही इसका भारत से कोई सीधा संबंध था तो आखिर क्यों रिलायंस ने इसमें रूचि दिखाई।
इस वजह से भी हुआ शक
पत्रकार एंटॉन रॉगेट ने बताया कि फ़्रांसीसी क़ानून के तहत रक्षा कंपनी दसॉल्ट एविएशन अपने साझीदार के लिए भारतीय कंपनी को चुनने के लिए स्वतंत्र थी। लेकिन फ्रांस के कई अधिकारी भी इस फैसले में शामिल थे। इसके अलावा जब ओलांद ने कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं था और इसे भारत सरकार ने सुझाया था तो यह मामला और संदेह जनक हो जाता है। बता दें कि अभी कल यानी शनिवार को फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद अपने पहले के दिए बयान से पलट गए थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या रिलायंस डिफेंस और दसॉल्ट एविएशन को साथ काम करने को लेकर भारत सरकार की तरफ से कोई दबाव था तो उन्होंने कहा था कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। ओलांद ने कहा कि इस बारे में सिर्फ दसॉल्ट ही आधिकारिक बयान दे सकती है।