यूरोप

जर्मनी के वाइस चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज का प्रस्ताव, फ्रांस यूएनएससी की स्थाई सीट ईयू के लिए छोड़े

जर्मनी का यह रुख भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के समूह के विपरीत है

नई दिल्लीNov 29, 2018 / 02:40 pm

Siddharth Priyadarshi

जर्मनी के वाइस चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज का प्रस्ताव, फ्रांस यूएनएससी की स्थाई सीट ईयू के लिए छोड़े

संयुक्त राष्ट्र। जर्मनी के वाइस चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने प्रस्ताव रखा है कि फ्रांस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपनी स्थाई सीट यूरोपीय संघ (ईयू) के लिए छोड़ देनी चाहिए। यदि जर्मनी स्कॉल्ज के इस प्रस्ताव का अनुसरण करता है तो यह प्रस्ताव जर्मनी के भारत, ब्राजील और जापान के साथ उस साझा रुख से अलग है, जिसमें सुरक्षा परिषद में स्थाई सीटों की संख्या बढ़ाने की बात कही गई है।

अपना दावा छोड़े फ्रांस

जर्मनी के वाइस चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने प्रस्ताव रखा है कि फ्रांस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी स्थाई सीट यूरोपीय संघ के लिए छोड़ देनी चाहिए। बता दें कि जर्मनी का यह रुख भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के समूह के विपरीत है। इस समूह को जी4 कहा जाता है और यह सुरक्षा परिषद में सुधारों की अग्रणी आवाज रहा है और इस समूह के सदस्य आपस में एक-दूसरे के स्थाई सीटों के दावों का समर्थन भी करते हैं। इस समूह की मांग थी कि सुरक्षा परिषद में सेटों के संख्या बधाई जाए। शोल्ज ने बुधवार को बर्लिन में कहा, “ईयू को एक सुर में बोलने का मौका देने के लिए सुरक्षा परिषद में फ्रांस की सीट ईयू को दी जा सकती है।” हालांकि अभी तक जर्मनी के किसी अन्य मंत्री ने इस बयान का समर्थन नहीं किया है। न तो विदेश मंत्री हेइको मास और न ही जर्मनी की सरकार ने सार्वजनिक रूप से इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। फ्रांस सरकार ने औपचारिक रूप से इस प्रस्ताव पर कई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन अमरीका में फ्रांस के राजदूत गेरार्ड अरॉड ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है।

फ्रांस ने खारिज किया प्रस्ताव

अमरीका में फ्रांस के राजदूत गेरार्ड अरॉड ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “यह कानूनी रूप से असंभव है क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के विपरीत हैं। यह बदलाव राजनीतिक रूप से असंभव है।” बता दें कि स्कॉल्ज ने अपने संबोधन में यूरोपीय देशों की एकता पर ध्यान केंद्रित किया था । उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अमरीका के अलग होने के ट्रंप के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा, “यदि हम वैश्विक पार्टी के रूप में प्रभाव डालने जा रहे हैं तो हमें यूरोपीय स्तर से आगे बढ़ना होगा।” उन्होंने एक साझा विदेश नीति का आह्वान करते हुए कहा, “ईयू को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक सुर में बोलना चाहिए।” उन्होंने स्वीकार किया कि इसके लिए फ्रांस को रजामंद करना होगा लेकिन यह बहुत ही बोल्ड और समझदारी भरा लक्ष्य होगा।

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