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खशोगी हत्याकांड के बाद अलग-थलग पड़ रहा सऊदी अरब, जर्मनी ने हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध बढ़ाया

locationनई दिल्लीPublished: Mar 30, 2019 06:12:04 am

Submitted by:

Mohit Saxena

– 48 यूरोफाइटर टाइफून जेट की डील पर असर पड़ा- ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी से प्रतिबंध हटाने को कहा- खशोगी की हत्या के बाद से लगाया प्रतिबंध

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खशोगी हत्याकांड के बाद अलग थलग पड़ रहा सऊदी अरब, जर्मनी ने सऊदी को हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध बढ़ाया

बर्लिन। जर्मनी ने सऊदी अरब में हथियारों के निर्यात पर छह महीने का और प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद लगाए गए थे। प्रतिबंध की यूरोपीय सहयोगियों द्वारा आलोचना की गई है। इसकी वजह से 48 यूरोफाइटर टाइफून जेट की डील पर असर पड़ा है। यह सौदा करीब 10 बिलियन पाउंड (13.27 बिलियन डॉलर) का सौदा है।
नया निर्यात आवेदन स्वीकृत नहीं होगा

सरकार के प्रवक्ता स्टेफेन सीबरट ने गुरुवार को एक ई-मेल के जरिए बयान में कहा कि प्रतिबंध को छह महीने के लिए यानि 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस अवधि में कोई भी नया निर्यात आवेदन स्वीकृत नहीं होगा। गौरतलब है कि बीते साल अक्टूबर में,वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार जमाल खाशोगी की हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप सऊदी के किंग सलमान पर लगा है। इसके पुख्ता सबूत सामने आए कि किस तरह से इस्ताबुल स्थित दूतावास में खाशोगी की हत्या कर दी गई थी। उनकी लाश के कई टुकड़े कर जला दिए गए। इसके बाद से जर्मनी ने सऊदी अरब को निर्यात किए जाने वाले हथियारों पर एकतरफा रोक लगा दी थी।
ब्रिटेन और फ्रांस दबाव डाल रहा

बर्लिन में जर्मन गठबंधन सरकार पर प्रतिबंध हटाने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस दबाव डाल रहे हैं। वे कहते हैं कि यह उन्हें जर्मन घटकों के साथ संयुक्त रूप से विकसित उपकरणों को सऊदी अरब में बेचने से रोकता है। जर्मनी में फ्रांस के राजदूत ऐनी-मैरी डेस्कोट्स ने इस सप्ताह कहा कि जर्मन की हथियारों की निर्यात नीति और बोझिल लाइसेंस नियमों ने भविष्य की द्विपक्षीय रक्षा परियोजनाओं को खतरे में डाल दिया है।जर्मनी ने फ्रांस और ब्रिटेन को यह सुनिश्चित करने के लिए भी बुलाया कि सऊदी अरब या संयुक्त अरब अमीरात को दी जाने वाला कोई भी हथियार प्रणाली यमन में तैनात नहीं की जाएगी, जिसे सऊदी-यूएई गठबंधन द्वारा चार साल के बम विस्फोटों से तबाह कर दिया गया है।
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