इस मिशन का नाम ‘एक्स डे’
मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इस मिशन का नाम ‘एक्स डे’ रखा गया था। देश में अप्रवासियों को कुचलने के लिए जर्मनी में मौजूद एसएएस (स्पेशल एयर सर्विसेज) के समकक्ष एक गुप्त नव-नाजी गुट बनाने वाले दो सौ एलीट सैनिकों ने देश में आप्रवासियों को कुचलने की साजिश रची।
दरअसल साल 2015 में एंजेला मर्कल ने अप्रवासियों को प्रवेश की अनुमति दी थी, सैनिकों की ये टुकड़ी इसी बात से नाराज थी। अपने इस साजिश के तहत उन्होंने ग्रीन पार्टी के नेता क्लाउडिया रोथ, विदेश मंत्री हेइको मास और पूर्व राष्ट्रपति जोआचिम गौक को जान से मारने की योजना बनाई थी। हालांकि अधिकारियों ने एलीट सैनिकों की हत्या को अंजाम देने से पहले ही बुंदेश्वर के केएसके यूनिट को अलग-थलगकर दिया।
पूछताछ में हुआ ये खुलासा
बर्लिन के एक नए साप्ताहिक की रिपोर्ट की माने तो इन सैनिकों का लक्ष्य दुष्कर्म, आतंक और सामाजिक अशांति के लिए जिम्मेदार अप्रवासियों समूहों को शरण देने का समर्थन वाले नेता थे। रिपोर्ट में कहा गया कि पूछताछ में ये सच्चाई सामने आई कि ये साजिशकर्ता राजनीतिक विरोधियों को जान से मारने तक का संकोच नहीं करेंगे।