डब्ल्यूएमओ के अनुसार, भीषण गर्मी से उत्पन्न हालात अभी और बिगड़ने वाले हैं। गर्मी के कारण हाल ही में स्पेन के टोलेडो और मैड्रिड में 20 किलोमीटर तक फैले एक जंगल में आग लग गई थी। आग बुझाने के काम में 350 दमकल कर्मियों के अलावा 230 सैनिक और 15 एरियल टैंकर विमानों को लगाया गया है, लेकिन आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है। यहां पर तापमान 42.4 सेल्सियस तक पहुंच चुका है। यहां के 50 प्रांतों में गर्मी का कहर आगे भी जारी रहेगा।
गौरतलब है कि शुक्रवार को फ्रांस में तापमान रिकॉर्ड 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। इस दौरान डब्ल्यूएमओ की प्रवक्ता क्लेयर नलिस ने कहा कि लू के थपेड़ों में अभी और वृद्धि होगी और यह पहले की तुलना में लंबे समय तक भी चलेगी। प्रवक्ता ने बताया कि भीषण गर्मी के लंबा खिंचने के पीछे मुख्य वजह ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में इजाफा है। डब्ल्यूएमओ के मुताबिक, बीते पांच वर्षों में गर्मी का आंकड़ा देखे तो यह निष्कर्ष निकलता है कि 2015 से 2019 के समय में यह अभी तक का सबसे गर्म समय है।
फ्रांस में गर्मी इस साल चरम पर पहुंच गई है। शुक्रवार को फ्रांस के कुछ हिस्सों में तापमान 46 डिग्र्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया, जो फ्रांस के इतिहास में उच्चतम है। भीषण गर्मी को देखते हुए यहां हजारों स्कूल बंद कर दिए गए हैं। राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से आगे भी भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।