पिता ने बेटी के ऐशो-आराम के लिए रखे 12 स्टाफ एक अंग्रेजी अख़बार में छपी ख़बर के मुताबिक पिता ने बेटी के ऐशो-आराम के लिए 12 स्टाफ की व्यवस्था की है। बता दें कि स्टाफ में खास तौर पर बटलर, शेफ, मेड, हाउसकीपर, माली और शोफर शामिल हैं।मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पिता ने बेटी की चार साल की पढ़ाई के लिए एक पैलेस के साथ ही खास तौर पर अपने काम में विशेषज्ञ स्टाफ की नियुक्ति का भी ध्यान रखा है।
बेटी की सेवा के लिए सिर्फ अनुभवी और कुशल स्टाफ रखे गए बता दें कि परिवार बेटी की अच्छी पढ़ाई के लिए काफी परेशान है , इसलिए उन्होंने बेटी की सेवा के लिए सिर्फ अनुभवी और कुशल स्टाफ की नियुक्ति को ही तरजीह दी है। वहीं, बेटी की सुख-सुविधायों का ध्यान रखने के लिए एक खास व्यक्ति की नियुक्ती की गई है। बटलर का काम खास तौर पर मेन्यू देखना होगा। साथ ही अन्य नौकर कैसे खाना बना रहे हैं, इस पर निगरानी करनी है। वहीं, फुटमैन का काम खाना सर्व करना और टेबल की सफाई है। इसके अलावा पर्सनल स्टाफ के लिए काम की जो सूची है, उनमें जरूरत के समय दरवाजा खोलना। दूसरे स्टाफ के साथ रूटीन शिड्यूल बनाना, वॉर्डरोब मैनेजमेंट और पर्सनल शॉपिंग भी शामिल है।
भारतीय छात्र की पढ़ाई के लिए इतने पैसे खर्च करने का यह पहला मामला आपको बता दें कि परिवार ने नौकर के लिए जब विज्ञापन छपवाया तो उनमें लिखा कि खुशमिजाज, ऊर्जा से भरपूर और आत्मविश्वस से भरे लोगों की जरूरत है। ऐसा माना जा रहा कि किसी भारतीय छात्र की पढ़ाई के लिए इतने पैसे खर्च करने का यह पहला मामला है। पहली बार किसी छात्र के रहन-सहन पर इतना खर्च किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि दरवाजा खोलने के लिए जिस स्टाफ को रखा गया है, उसकी सैलरी 30,000 पाउंड प्रतिवर्ष है।