ब्रिटेन: भारतीय मूल की महिला अधिकारी से भेदभाव, लंदन पुलिस पर दायर किया मुकदमा
- परम संधू (Parm Sandhu) नामक भारतीय मूल की इस अधिकारी का आरोप है कि उसके साथ लंबे समय से नस्लभेद हो रहा है
- स्कॉटलैंड यार्ड (Scotland Yard) के खिलाफ इस मुकदमे की सुनवाई जल्द ही शुरू होगी

लंदन। भारतीय मूल की 54 वर्षीय महिला अधिकारी ने अपने खिलाफ हो रहे भेदभाव के चलते लंदन की पुलिस पर मुकदमा दायर किया है। महिला अधिकारी का आरोप है कि स्कॉटलैंड यार्ड ने उसके साथ नस्लीय भेदभाव किया है। ब्रिटेन की सबसे वरिष्ठ भारतीय मूल की महिला पुलिस अधिकारियों में से एक ने स्कॉटलैंड यार्ड के खिलाफ नस्लीय और लैंगिक भेदभाव के आरोपों पर कानूनी कार्रवाई की है।
परम संधू नाम यह अधिकारी स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस में सबसे वरिष्ठ जातीय अल्पसंख्यक महिला अधिकारियों में से एक है और 2006 में पुलिस बल में उनकी उपलब्धियों के लिए एशियन वीमेन ऑफ अचीवमेंट अवार्ड दिया जा चुका है।
दुनिया की सबसे छोटी गाय ने लिया जन्म, सिर्फ इतना है वजन
भारतीय मूल की महिला अधिकारी का आरोप
वर्तमान में मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ अस्थाई मुख्य पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत परम संधू का दावा है कि उन्हें नस्ल और जेंडर के कारण काम में पदोन्नति और अन्य अवसरों से वंचित रखा गया है। उनके मामले में पहली सुनवाई अगले सप्ताह एक रोजगार न्यायाधिकरण में होने वाली है। उनके आरोप के बाद पुलिस ने एक बयान में कहा कि 'अभी यह मुकदमा बेहद शुरुआती चरण में है और हम अभी कोई अन्य टिप्पणी करने में असमर्थ हैं।'
संधू को मेट्रोपॉलिटन ब्लैक पुलिस एसोसिएशन द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। यह संगठन जातीय अल्पसंख्यक अधिकारियों की कमी के बारे में चिंतित है। 54 वर्षीय संधू ने एक आंतरिक पुलिस जांच के बाद यह कानूनी कदम उठाया, जिसने पिछले महीने उन्हें कदाचार के आरोपों से मुक्त कर दिया।
जून 2018 में शुरू की गई जांच में आरोप था कि संधू ने अपने सहयोगियों को क्वींस पुलिस पदक (QPM) के लिए अपने नामांकन का समर्थन करने के लिए कहा। बता दें कि यह पदक रानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा वर्ष में दो बार प्रदान किया जाता है। इसके तहत ब्रिटेन में सेवारत पुलिस अधिकारियों को विशिष्ट सेवा या उत्कृष्ट साहस के लिए पदक दिए जाते हैं।
Parm Sandhu claims she was denied work and promotion because of her race and gender https://t.co/HFixyfzyYw
— Evening Standard (@standardnews) July 6, 2019
नस्लीय भेदभाव के आरोप
यूके के नेशनल पुलिस चीफ काउंसिल के दिशा-निर्देश कहते हैं कि "कोई भी व्यक्ति किसी भी अन्य व्यक्ति को एक सम्मान के लिए नामांकित कर सकता है"। आंतरिक पुलिस जांच ने पिछले महीने निष्कर्ष निकाला कि संधू के पास इस मामले में जवाब देने के लिए कोई जरुरत नहीं है और उन्हें आगे की कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही संधू के काम पर लगाए गए प्रतिबंधों को भी हटा लिया गया।
डर्बीशायर पुलिस के पूर्व मुख्य सिपाही मिक क्रिडन ने कानूनी लड़ाई के लिए संधू को समर्थन की पेशकश की है। 1989 में पुलिस सेवा में शामिल हुईं संधू, रैंक प्रमोशन के माध्यम से रिचमंड-ऑन-थेम्स में बटालियन कमांडर बन गईं।
विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Europe News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi