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आयरलैंड: खत्‍म हो सकती है गर्भपात पर विवादित कानून, जनमत संग्रह आज

locationनई दिल्लीPublished: May 25, 2018 01:24:40 am

Submitted by:

Anil Kumar

भारतवंशी प्रधानमंत्री लियो वरदकर गर्भपात पर पाबंदी खत्म करने के पक्ष में हैं और इसके लिए उन्होंने गुरुवार को जनता से अपील भी की।

आयरलैंड में गर्भपात कानून को खत्म करने के लिए जनमत संग्रह

आयरलैंड: खत्‍म हो सकती है गर्भपात पर विवादित कानून, जनमत संग्रह आज

नई दिल्ली। आयरलैंड के लिए 25 मई शुक्रवार का दिन बेहद ही खास और ऐतिहासिक होने वाला है। दरअसल आज आयरलैंड में विवादित गर्भपात कानून पर जनमंत संग्रह होना है। देश के अंदर दो गुटों में बटे लोंगों के बीच जनमत संग्रह को लेकर काफी उत्साह है। जहां एक और एक पक्ष गर्भपात कानून को बनाए रखना चाहता है वहीं दूसरी और दूसरा पक्ष इसे खत्म करवाना चाहता है। दोनों ही पठक्ष अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन फैसला जनमत संग्रह के बाद स्वतः हो जाएगा। आपको बता दें कि भारतवंशी प्रधानमंत्री लियो वरदकर गर्भपात पर पाबंदी खत्म करने के पक्ष में हैं और इसके लिए उन्होंने गुरुवार को जनता से अपील भी की।

क्या है गर्भपात कानून

आपको बता दें कि आयरलैंड में गर्भपात कराना गैरकानूनी है। वहां के कानून के मुताबिक जीवन खतरे में होने पर भी कोई महिला गर्भपात नहीं करा सकती है। यदि कोई महिला अवैध तरीके से गर्भपात कराती है या गर्भपात में कोई मदद करता है तो 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। बता दें कि इस कानून के कारण हर वर्ष आयरलैंड की हजारों महिलाएं गर्भपात कराने के लिए ब्रिटेन चली जाती हैं। वर्ष 2012 में जब एक भारतीय महिला डेंटिस्ट सविता हलप्पनवार की मौत हो गई थी तब गर्भपात कानून को लेकर आयरलैंड में काफी बहस छिड़ गई थी। बता दें कि गर्भपात की इजाजत नहीं मिलने के कारण सविता की मौत गालवे अस्पताल में हो गई थी।

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गर्भपात कानून के लिए 1983 में हुआ था जनमत संग्रह

आपको बता दें कि कैथोलिक बहुल देश आयरलैंड में गर्भपात रोधी कानून को बनाए रखने के समर्थक और विरोधी कार्यकर्ता सोशल साइट और प्रदर्शनों के जरिये लोगों को अपने पक्ष में करने के प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले वर्ष 1983 में हुए जनमत संग्रह में 67 फीसद लोगों ने गर्भपात पर रोक लगाने के लिए संविधान में आठवें संशोधन का समर्थन किया था। बता दें कि गर्भपात कानून के जरिए दुष्कर्म के दौरान गर्भ ठहरने या गर्भ में बच्चे को कोई विकृति होने पर भी गर्भपात पर रोक लगा दी गई थी।

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