सनसनी: कनाडा में घर के बाहर पेड़ से फांसी पर लटका मिला भारतीय युवा पांच दिसंबर तक लगाई जा सकेगी बोली पत्र 10 अक्टूबर 1946 को नई दिल्ली से लिखा गया था। इस पत्र में गांधी ने जन्मदिन की बधाई देने के लिए लॉरेंस के प्रति आभार प्रकट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था कि प्रिय मित्र,जन्मदिन की बधाई देने के लिए आपका आभार,इसी दिन 1918 में चरखे का भी पुनर्जन्म हुआ था। लॉर्ड पैथिक लॉरेंस उस बातचीत में शामिल थे जिसके चलते भारत की आजादी का रास्ता साफ हुआ। नीलामी के लिए बोली पांच दिसंबर तक लगाई जा सकेगी।