यूक्रेन की संसद ने विवादित क्रिमियन प्रायद्वीप में सप्ताहांत रूसी नौसेना के टकराव के बाद “मॉस्को की बढ़ती आक्रामकता” से लड़ने के लिए देश में मार्शल लॉ लगाने के लिए सोमवार को मतदान किया। बता दें की रविवार को रूस ने यूक्रेन के तीन जहाज अपने कब्जे में लिये थे। इस घटना के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ गया। पश्चिमी नेताओं और राजनयिकों ने दोनों पक्षों से संघर्ष को आगे न बढ़ाने के लिए आग्रह किया। उधर अमरीका ने काले सागर में रविवार की घटना को गैरकानूनी बताते हुए रूस को दोषी ठहराया। रूस और यूक्रेन ने इस विवाद के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया। बता दें कि 2014 में मॉस्को ने क्रीमिया को कब्जा कर लिया था। यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेन्को ने कीव में सांसदों से मार्शल लॉ स्थापित करने का आह्वान किया था। पांच घंटे की बहस के बाद संसद ने अपने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। देश के सीमवर्ती इलाकों में 30 दिनों तक मार्शल लॉ लागू रहेगा। यूक्रेनी संसद में मार्शल लॉ 276 सदस्यों के बहुमत के साथ पारित किया गया। यह पहली बार है जब यूक्रेन ने 2014 में रूस के साथ संघर्ष के बाद से मार्शल लॉ लागू किया था।
घटना के बाद रूस और यूक्रेन के बीच तनाव गहरा गया है। यूक्रेन ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।सोमवार को यूक्रेनी नेता और राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेन्को ने उच्च रैंकिंग सैन्य सहयोगियों से मुलाकात की। पोरोशेन्को ने कहा कि वह प्रस्तावित करेंगे कि संसद मार्शल लॉ लाए। यूक्रेनी नौसेना के अनुसार रूस की इस कार्रवाई में उसके छह नाविक घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि एक रूसी जहाज ने केर्च स्ट्रेट के पास यूक्रेन के जहाजों पर गोलीबारी की। बता दें कि यह केर्च जलसंधि जोकाले सागर और अज़ोव सागर को अलग करती है। यूक्रेन के नौसेना ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “छोटे बख्तरबंद जहाजों, बेरीन्स्क और निकोपोल दुश्मन की फायरिंग से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और आगे नहीं बढ़ सकते हैं।”