पेश की गई 155 पन्नों की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक सांसद महिलाओं को गलत तरीके से छूते थे, उन्हें पकड़ने की कोशिश करते थे। यही नहीं महिलाओं को करियर खराब करने की धमकी देकर ऐसे मामलों की शिकायत करने से भी रोका जाता था। बता दें कि 155 पन्नों की ये रिपोर्ट हाईकोर्ट की पूर्व जज लॉरा कॉक्स की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने जारी की है। इस रिपोर्ट में साफ तौर से उजागर किया गया है कि काफी लंबे समय से ब्रिटेन की संसद में डराने-धमकाने, दुर्व्यव्हार और यौन उत्पीड़न भुगतने और उसको छिपाने की संस्कृति चलती आ रही है।
अपने कारनामे छुपाने के लिए अपनाते थे कई हथकंडे
इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि सांसद अपने दुर्व्यव्हार को छुपाने के लिए कई हथकंडे आजमाते हैं। यही नहीं उनके खिलाफ जाकर ऐसे मामलों का खुलासा करने वाले लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित नहीं की जाती। कॉक्स की इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि उच्च वर्ग के नेता से लेकर निचले दर्जे के अधिकारी तक हर कोई ऐसे मामलों में शामिल है।
खराब हो रही है संसद और सांसदों की गरिमा
रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि ऐसी परिस्थितियां पुराने प्रशासन के कार्यकाल में बदलना बेहद मुश्किल है। ऐसा मानना है कि जब तक ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की विदाई नहीं हो जाती, तब तक ये चलन जारी रहेगा। रिपोर्ट में इस बात पर भी चिंता जताई जा रही है कि कुछेक सांसदों पर लगे ऐसे आरोपों से संसद और अन्य सभी सांसदों की गरिमा खराब हो रही है। उनका कहना है कि संसद में डराने-धमकाने वाले लोगों और ऐसी संस्कृति की कोई जगह नहीं है, हम सभी की प्राथमिकता यहां मौजूद हर स्टाफ की सलामती है। स्टाफ का ये आश्वस्त होना जरूरी है कि गलत व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
संसद के स्पीकर पर गंभीर आरोप
हालांकि रिपोर्ट की शर्त है कि ऐसे मामलों के गंभीर आरोपियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा सकते। लेकिन ये भी जानकारी मिल रही है कि संसद के स्पीकर जॉन बर्काओ पर डराने-धमकाने के आरोप लगाए गए। अब उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है।