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बचाए गए लोगबयान में कहा गया कि माल्टा के दक्षिण-पश्चिम में 117 समुद्री मील दूर से प्रवासियों ने मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद माल्टा के नौसैनिक जहाजों को उनकी मदद के लिए भेजा गया। इस बीच जर्मनी के एनजीओ ‘सी-आई’ ने कहा कि उनका बचाव जहाज एक अन्य नाव की मदद के लिए पहुंच रहा है, जिसपर 24 प्रवासी सवार हैं। खबरों में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) के अनुसार साल की शुरुआत से इटली या माल्टा पहुंचने के दौरान 130 से अधिक प्रवासियों की मौत हो चुकी है। 2018 में मौतों का यह आंकड़ा 1385 था।
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यूरोप ने आव्रजन के लिए बंद किए दरवाजेबता दें कि इटली और माल्टा जैसे देशों ने बार-बार अपने तटों पर लोगों के विस्थापन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।गैरकानूनी आप्रवास को रोकने के लिए इन दिनों कई देशों ने अपने कानूनों को और भी कड़ा किया है। कुछ दिन पहले रोम के अधिकारियों ने जर्मन गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सी वॉच के जहाजों को जाने से मना कर दिया था। इटली ने 25 दिसंबर को स्पेन के तटों पर जाने वाले एनजीओ प्रक्टिवा ओपन आर्म्स की नाव पर सवार 300 से अधिक प्रवासियों की अपनी सीमा में आने पर रोक लगा दी थी। दूसरी ओर एनजीओ जैसे डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और एसओएस मेदितेरैनी ने कहा कि बचाव नौकाओं को इटली या माल्टा जैसे महाद्वीप के देशों के बंदरगाहों में डॉकिंग से रोका गया था।
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