दरअसल जांच एजेंसियों को अब तक नीरव मोदी के बारे में पुख्ता सुराग नहीं मिल पा रहा था. इससे पहले उसके अमरीका में होने की खबरें मिल रही थीं। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, नीरव मोदी को पंजाब नेशनल बैंक के एलओयू के जरिए जो पैसा मिल रहा था वह यूएई की कंपनी में जा रहा था। यूएई की जो कंपनी थी वो फर्जी कंपनियां थीं, उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि वह कंपनी क्या करती हैं और उनके पास पैसा कैसे गया।
आपको बता दें कि घोटाले का खुलासा होने के बाद ही नीरव मोदी कई बार अपना ठिकाना बदल चुका है। हाल में खबर आई थी कि उसने सिंगापुर की नागरिकता के लिए अप्लाई किया है, हालांकि सिंगापुर ने उसे नागरिकता देने से मना कर दिया था।
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए पंजाब नेशनल बैंक को 134000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। इन दोनों के खिलाफ सीबीआई, ईडी समेत अन्य जांच एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हुई हैं और इनके प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पीएनबी घोटाले में इस साल फरवरी में मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ केस दर्ज किया था। घोटाले का खुलासा होने से पहले ही दोनों देश से फरार हो गए थे।