scriptकभी इस वजह से बंद हुआ था पीसा का मीनार, आज ही के दिन पर्यटकों के लिए दोबारा खुले थे दरवाजे | on this day Tower of Pisa reopened it was closed as it tilted too much | Patrika News

कभी इस वजह से बंद हुआ था पीसा का मीनार, आज ही के दिन पर्यटकों के लिए दोबारा खुले थे दरवाजे

Published: Dec 15, 2017 04:18:52 pm

Submitted by:

Pradeep kumar

पीसा मीनार को साल 2011 में आज ही के दिन फिर से इसे दर्शकों के लिए खोल दिया गया था

leaning tower of pisa
रोम। किसी समय पर सामान्य से अधिक झुकाव की वजह से बंद की गई पीसा मीनार को आज ही के दिन फिर से लोगों के लिए खोला गया था। आपको बता दें कि इस मीनार के अधिक झुक जाने की वजह से इसे 1990 में बंद कर दिया गया था। इसके बाद साल 2011 में आज ही के दिन फिर से इसे दर्शकों के लिए खोल दिया गया था। हालांकि पीसा मीनार को फिर से लोगों के लिए खोलने से पहले विषेशज्ञों की टीम ने पूरे 11 साल तक इसकी बनावट को सुधारने का काम किया था। बताया जाता है कि इस पूरे काम पर करीब एक करोड़ 75 लाख का खर्च आया था। सुधार कार्य के दौरान इस बात का ध्यान रखा गया की इसके मूल संरचना को नुकसान न पहुंचे।
आपको बता दें कि पीसा मीनार इटली का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिसका निर्माण बारहवीं शताब्दी में पीसा के प्रधान गिरजा के बेल टावर पर शुरू हुआ था। ये वहां का एक व्यस्त व्यापार केंद्र है, जोकि फ्लोरेंस से कुछ 50 मील दूर पश्चिमी इटली के अर्नो नदी के किनारे बसा है। निर्माण कार्य के दौरान ही, मीनार की नींव वहां के नरम, दलदली जमीन में धंसने लगी, जिसकी वजह से यह इमारत एक तरफ झुक गई थी। निर्माण कार्यकर्ताओं ने इसकी क्षतिपूर्ति के लिए ऊपरी मंजिल को एक तरफ से हल्का सा अधिक लंबा किया, लेकिन इस वजह से मीनार और धंस गया। जब वर्ष 1360 तक इसका निर्माण पूरा हुआ, तो उस वक्त के आधुनिक इंजीनियरों ने इसे चमत्कारी मानते हुए आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा यह किसी अचम्भे से कम नहीं कि इतने झुकाव के बावजूद यह पूरी तरह गिरी नहीं।
यद्यपि निर्माण के बाद प्रधान गिरजा और बपतिस्मा के लिए प्रयुक्त गिरजे के एक भाग में भी झुकाव था इसलिए इसे ‘लीनिंग टावर ऑफ पीसा’ कहा गया जो कि इस शहर का सबसे प्रशिद्ध पर्यटक स्थल बना। लेकिन बीसवीं सदी में मारबल से बने, 190 फुट ऊंचे, इस मीनार में अचानक 15 फीट का तीव्र झुकाव आ गया।
जानकारी के मुताबिक बंद होने से एक साल पहले करीब एक लाख पर्यटक यहां आये थे। इन पर्यटकों ने इसके उस हिस्से का लुत्फ उठाया, जिसे ‘चमत्कारी खेत’ कहा जाता था। इसके लिए पर्यटक 293 सीढ़ियां चढ़कर वहां पहुंचे थे। अधिकारियों को इसमें आये अचानक झुकाव से, इसके गिरने के खतरे का अंदेशा होने लगा। जिसके वजह से उन्होंने 14 पुरातत्त्ववेत्ता और सॉइल एक्सपर्ट को नियुक्त कर इसके सुधार कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन उन्होंने यह भी निर्देश दिया था की इसके मूल झुकाव वाली संरचना को बरकरार रखते हुए ही इसका हल निकाला जाए।
हालांकि 1994 के पहले किए गए सुधार के प्रयास में यह मीनार लगभग गिर चुकी थी, लेकिन फिर भी इंजीनियरों की कोशिशों से झुकाव में 16 से 17 इंच की कमी हासिल की गयी। इसके लिए नींव के नीचे से मिट्टी हटायी गई थी। जब 15 दिसंबर 2011 में इसे वापस खोला गया तो उस वक्त इंजीनियरों ने यह भविष्यवाणी की थी कि अब करीब 300 साल बाद ही यह 1990 वाली स्थिति में दोबारा जा सकता है। हालांकि अब मीनार के अंदर प्रवेश सिर्फ निर्देशित पर्यटनों के लिए सिमित कर दिया गया है, फिर भी इमारत के बाहर पर्यटकों की भीड़ अभी भी देखी जा सकती है। लोग बाहर से मीनार के साथ अलग-अलग पोज जैसे कभी मीनार को गले लगाते हुए तो कभी उसे धक्का देते हुए तस्वीरें खिंचवाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो