3700 बच्चों का यौन शोषण गौरतलब है कि हाल ही में आई एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जर्मनी में करीब 3700 बच्चों का यौन शोषण 1946 से 2014 के बीच हुआ। इसमें पादरियों के शामिल होने की बात सामने आई थी। लोगों ने धार्मिक आस्था के चलते इस बात पर चुप्पी साध रखी थी। मगर मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद इस पर आवाज उठने लगी। इस पर पोप ने शर्मिंदगी भी जाहिर की थी।
बुनियादी प्राथमिकता बना दिया वेटिकन के प्रवक्ता ग्रेग बुर्के ने कहा कि फरवरी की बैठक अभूतपूर्व है तथा यह दर्शाती है कि पोप फ्रांसिस ने चर्च के लिए बच्चों के संरक्षण को बुनियादी प्राथमिकता बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह विश्वभर में बच्चों के संरक्षण के लिए है। पोप फ्रांसिस चाहते हैं कि चर्च नेता समझें कि धार्मिक नेताओं द्वारा यौन शोषण का क्या विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। सम्मेलन 21 से 24 फरवरी तक होगा।