आपको बता दें कि देश में आपातकाल के दौरान हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया या नौकरियों से निकाल दिया गया। जिसके बाद राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान, विपक्षी उम्मीदवारों ने कहा था कि अगर वे जीते तो वे आपातकाल की स्थिति समाप्त कर देंगे।
50,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में 107,000 से अधिक नौकरी से निकाले गए
आधिकारिक आंकड़ों और गैर सरकारी संगठनों के मुताबिक, आपातकाल की स्थिति में सरकारी आदेश से 107,000 से अधिक लोगों को सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों से निकाल दिया गया और 50,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया, जिन पर मुकदमा लंबित है।
नौकरी से निकाले गए व हिरासत में लिए गए लोगों पर ये आरोप
बता दें कि नौकरी से निकाले गए व हिरासत में लिए गए कई लोगों को निर्वासित इस्लामी धार्मिक नेता फतुल्लाह गुलेन के समर्थक माना जाता है, जो अमरीका में रहते हैं और एर्दोगन के पूर्व सहयोगी हैं। तुर्की ने गुलेन और उनके अनुयायियों पर 2016 में तख्ता पलट की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था लेकिन गुलेन ने इससे साफ इनकार कर दिया था ।