60 राजदूतों को देश छोड़ने का आदेश
दरअसल पिछले दिनों ब्रिटेन में रुसी जासूस की जहर देकर हत्या हुई थी। जिसके बाद अमरीका ने रूस के 60 राजदूतों को देश से निकाल दिया और सीऐटल स्थित रूसी दूतावास भी बंद कर दिया। अमरीका, ब्रिटेन और यूरोयपीय यूनियन के देशों की ओर से अपने राजनयिकों को निष्कासित करने से रूस बेहद खफा था। उसने पहले ही संकेत दे दिए थे कि अब वो भी ऐसा ही करेगा राजनयिकों को निष्कासन को लेकर पिछले दिनों रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उनका देश इसका कड़ा जवाब देगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने इसे बेहद खराब बर्ताव करार दिया और कहा कि यह भारी दबाव का परिणाम है।
दरअसल पिछले दिनों ब्रिटेन में रुसी जासूस की जहर देकर हत्या हुई थी। जिसके बाद अमरीका ने रूस के 60 राजदूतों को देश से निकाल दिया और सीऐटल स्थित रूसी दूतावास भी बंद कर दिया। अमरीका, ब्रिटेन और यूरोयपीय यूनियन के देशों की ओर से अपने राजनयिकों को निष्कासित करने से रूस बेहद खफा था। उसने पहले ही संकेत दे दिए थे कि अब वो भी ऐसा ही करेगा राजनयिकों को निष्कासन को लेकर पिछले दिनों रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उनका देश इसका कड़ा जवाब देगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने इसे बेहद खराब बर्ताव करार दिया और कहा कि यह भारी दबाव का परिणाम है।
अमरीका बोला- फैसला न्यायोचित नहीं
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हीथर नुअर्ट ने कहा कि रूस की इस कार्रवाई का कोई औचित्य ही नहीं बनता है। हमने जो कार्रवाई की थी,उसके पीछे की वजह थी रूसी राजनायिकों पर ब्रिटेन में पूर्व जासूस और उनकी बेटी की जहर देकर हत्या की कोशिश की गई थी। रूस ने हमारे 60 राजदूतों को निष्कासित कर 7 दिन के अंदर देश छोड़ने और दूतावास बंद करने को कहा है। इससे ये साफ होता है कि रूस अब उन मुद्दों पर बातचीत के लिए इच्छुक नहीं है, जो दोनों देशों के लिए मायने रखती है।
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हीथर नुअर्ट ने कहा कि रूस की इस कार्रवाई का कोई औचित्य ही नहीं बनता है। हमने जो कार्रवाई की थी,उसके पीछे की वजह थी रूसी राजनायिकों पर ब्रिटेन में पूर्व जासूस और उनकी बेटी की जहर देकर हत्या की कोशिश की गई थी। रूस ने हमारे 60 राजदूतों को निष्कासित कर 7 दिन के अंदर देश छोड़ने और दूतावास बंद करने को कहा है। इससे ये साफ होता है कि रूस अब उन मुद्दों पर बातचीत के लिए इच्छुक नहीं है, जो दोनों देशों के लिए मायने रखती है।
राजनयिक निकालने का क्या है मामला
दरअसल 4 मार्च 2018 को ब्रिटेन में रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट से हमला हुआ था। ब्रिटेन ने इसके पीछे रूसी राष्ट्रपति पुतिन का हाथ होने का आरोप लगाया था। ब्रिटेन का आरोप था कि रूस ने अपने जासूस पर रासायनिक हमला किया है। इसके बाद ब्रिटेन ने अपने यहां रह रहे रुसी राजनायिक को निकाल दिया था, जिसके बाद अमरीका और अब पूरा यूरोपीय संघ रुस के खिलाफ खड़ा हो गया है।
दरअसल 4 मार्च 2018 को ब्रिटेन में रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट से हमला हुआ था। ब्रिटेन ने इसके पीछे रूसी राष्ट्रपति पुतिन का हाथ होने का आरोप लगाया था। ब्रिटेन का आरोप था कि रूस ने अपने जासूस पर रासायनिक हमला किया है। इसके बाद ब्रिटेन ने अपने यहां रह रहे रुसी राजनायिक को निकाल दिया था, जिसके बाद अमरीका और अब पूरा यूरोपीय संघ रुस के खिलाफ खड़ा हो गया है।
सौ से ज्यादा राजनयिक हुए निष्कासित
अमरीका और कई यूरोपीय देशों ने पिछले दिनों रूस के 116 राजनयिक निकाल दिए थे। इन सभी राजनयिकों पर खुफिया अधिकारियों के काम करने का भी संदेह जताया गया था। यह कार्रवाई करने वालों में फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड के अलावा कई देश शामिल हैं। जासूस की हत्या के बाद ब्रिटेन पहले ही 23 रूसी राजनयिक निष्कासित कर चुका है
अमरीका और कई यूरोपीय देशों ने पिछले दिनों रूस के 116 राजनयिक निकाल दिए थे। इन सभी राजनयिकों पर खुफिया अधिकारियों के काम करने का भी संदेह जताया गया था। यह कार्रवाई करने वालों में फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड के अलावा कई देश शामिल हैं। जासूस की हत्या के बाद ब्रिटेन पहले ही 23 रूसी राजनयिक निष्कासित कर चुका है