scriptसाइन लैंग्वेज में माहिर दुनिया की इकलौती मादा गोरिल्ला कोको की मौत | Sign Language mastered female Gorilla Koko dies in California | Patrika News

साइन लैंग्वेज में माहिर दुनिया की इकलौती मादा गोरिल्ला कोको की मौत

Published: Jun 22, 2018 03:06:43 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

कोको हाथ के जरिए 1,000 से ज्यादा सांकेतिक इशारों (साइन लैंग्वेज) से वैज्ञानिकों के साथ बात कर सकती थी, उन्हें चिढ़ा सकती थी और यहां तक कि बहस भी कर सकती थी।

Gorilla Koko

साइन लैंग्वेज में माहिर दुनिया की इकलौती मादा गोरिल्ला कोको की मौत

न्यूयॉर्क: मशहूर पत्रिका ‘नेशनल ज्योग्राफिक’ के कवर पेज पर नजर आ चुकी मादा गोरिल्ला कोको की कैलिफोर्निया में मौत हो गई। वह हाथ के जरिए 1,000 से ज्यादा सांकेतिक इशारों (साइन लैंग्वेज) से वैज्ञानिकों के साथ बात कर सकती थी, उन्हें चिढ़ा सकती थी और यहां तक कि बहस भी कर सकती थी।
46 साल की उम्र में हुई मौत

गोरिल्ला फाउंडेशन की ओर से कहा गया कि मंगलवार को 46 साल की उम्र में कोको की मौत नींद में हो गई। कोको का जन्म सैन फ्रांसिस्को के चिड़ियाघर में चार जुलाई 1971 को हुआ था। फाउंडेशन ने कहा कि उसका प्रभाव गहरा रहा है और उसने हमें गोरिल्ला की भावनात्मक क्षमता के बारे में सिखाया और उनकी ज्ञान संबंधी क्षमताओं ने दुनिया को आकार देना जारी रखा है।
नेशनल ज्योग्राफिक का कवर बन चुकी थी कोको

अपने पूरे जीवन में अपनी क्षमताओं की वजह से कोको सुर्खियों में बनी रही। अमेरिकी सांकेतिक भाषा के माध्यम से इंसानों के साथ संवाद करना शुरू करने के बाद नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका ने उसे अपने कवर पेज पर जगह दी। पत्रिका के इस कवर का प्रकाशन 1978 में हुआ था। कोको ने अपने जीवन का अधिकांश समय गोरिल्ला फाउंडेशन में ही बिताया। 2001 में अमेरिकी अभिनेता रॉबिन विलियम्स के साथ उसकी मुलाकात को फिल्माया गया था। कोको ने वैज्ञानिको को 2012 में उस समय हैरान कर दिया, जब उसने दिखाया कि वह रिकॉर्डर बजाना सीख सकती है।
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