साथ ही महिला ने सवाल किया कि क्या आपको अहसास है कि यह कितना अपमानजनक है? महिला ने यह भी कहा कि जिम के नए नियमों के अनुसार अगर महिलाओं को महीने में 5-6 दिन तक पूल का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है, तो क्या उन्हें पुरुषों की तुलना में सस्ते दामों में जिम की मेंबरशिप नहीं मिलनी चाहिए।
फोटो- सोफी टाबाटाडजे।
फेसबुक पर ये सवाल उठाते हुए सोफी टाबाटाडजे नाम की इस महिला को कोई अंदाजा नहीं था कि यह पोस्ट सुर्खियों में आ जाएगी। अब सोशल मीडिया पर दुनिया भर की महिलाएं इस कदम की आलोचना कर रही हैं। वहीं एक अंग्रेजी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इन आरोपों के जवाब में फिटनेस सेंटर ने कहा कि महिलाओं के मासिक धर्म के दूषित रक्त से पुल में नहाने वाले सदस्यों को बचाने के लिए इस तरह की नोटिस जारी की गई है।
एक रिसर्च के मुताबिक, स्विमिंग पुल में हर व्यक्ति औसतन 0.14 ग्राम गंदगी छोड़ता है। यह पसीने, यूरिन और ब्यूटी प्रोडक्ट्स के रूप में निकलती है। हालांकि, इस दौरान क्लोरीन के जरिए पूल में बैक्टीरिया को खत्म करने की कोशिश की जाती है। अब सोफी की पोस्ट के बाद यह सोशल साइट्स पर वायरल हो गया है। लोग इसे लैंगिक भेदभाव से जोड़ कर देख रहे हैं।