शर्त मानने पर ही होगी वार्ता
यमन की राजधानी सना से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हौती जेनेवा में तबतक शांति वार्ता में शामिल नहीं होंगे, जबतक उनकी शर्ते पूरी नहीं होती। वहीं एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि हौती प्रतिनिधिमंडल को सना में रोक लिया गया, क्योंकि सऊदी नीत गठबंधन ने उन्हें उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी।ग्रिफिथ्स ने कहा, “विमर्श प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हमने योजना के अनुसार, यमन सरकार के प्रतिनिधिमंडल से तीन दिनों तक फलदायी वार्ता की और यह विमर्श मस्कट और सना में भी जारी रहेगा।” फिलहाल वार्ता की कोशिशें अभी जारी रहेंगी।
इस वजह से हौती विद्रोही और सेना हैं आमने-सामने
दरअसल हौती विद्रोही यमन में उत्तरी इलाके के शिया मुसलमान हैं। विद्रोहियों का आरोप है कि सरकार में भ्रष्टाचार है। ये लोग अलग देश की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इनकी मांग नहीं मान रही है। इसी वजह से हौती विद्रोही सत्ता को बेदखल करने के लिए संघर्ष छेड़े हुए हैं। यमन की सत्ता पर बैठे शीर्ष लोगों की मदद सऊदी अरब कर रहा है। सत्ता की इस लड़ाई में आंदोलन शुरू होने से लेकर हजारों लोग अब तक मारे जा चुके हैं।