‘गिरफ्तारी एक आनुपातिक प्रतिक्रिया’
वरिष्ठ जिला न्यायाधीश एमा अर्बथनॉट ने लंदन के वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट में मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जमानत पर आत्मसमर्पण न करने पर उन्हें गिरफ्तार किया जाना जनहित में है। न्यायाधीश ने कहा, ‘मुझे लगता है कि गिरफ्तारी एक आनुपातिक प्रतिक्रिया है। हालांकि, असांज ने कई वर्षों से खुद ही अपनी आजादी पर अंकुश लगा रखा है।’
3 Years of AAP: PM मोदी का विरोध करने में सुस्त पड़े CM केजरीवाल, ये रहा सबूत
खुद को कानून से ऊपर मानते हैं असांज
न्यायाधीश ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह खुद को कानून से ऊपर मानते हैं और उसी स्थिति में न्याय चाहते हैं जब फैसला उनके हक में सुनाया जाए।’ असांज ने स्वीडन प्रत्यर्पित होने से बचने के लिए दूतावास में शरण ली थी, जहां वह यौन उत्पीड़न के आरोप के बारे में पूछताछ के लिए वांछित थे। असांज हमेशा से इस आरोप से इनकार करते रहे हैं।
प्रिया प्रकाश के गाने पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप, थाने में दर्ज हुई शिकायत
दूतावास के भीतर बिता चुके हैं कई साल
स्वीडन ने हालांकि अब उनके खिलाफ जांच का मामला बंद कर दिया है। असांज के वकील मार्क समर्स का तर्क है कि अब उनकी गिरफ्तारी अनुपातिक या जनहित में नहीं है क्योंकि वह पहले ही दूतावास के भीतर कई साल बिता चुके हैं।