तीन खंडों में विभाजित है यह किताब-
इस पुस्तक में भारतीय कला, भारतीय संस्कृति एवं भारतीय विरासत नामक तीन खंडों में विभाजित करते हुए प्रत्येक खंड की तार्किक दृष्टिकोण से विभिन्न अध्यायों में विवेचना की गई है। इसमें भारतीय कला संस्कृति एवं विरासत के विविध स्वरूपों तथा चित्रकला एवं हस्तशिल्प वास्तुशिल्प नाट्य नृत्य संगीत मूर्ति एवं स्थापत्य कला जैसे विषयों पर काफी शोधपरक जानकारी दी गई है।
रिसर्च और अपडेट डाटा के साथ लिखी गई है किताब-
डॉ मनीष रंजन ने बताया कि इस किताब में अभिलेख शिलालेख पर्व त्यौहार यूनेस्को द्वारा घोषित विरासत स्थल भाषा साहित्य शिक्षा धर्म एवं दर्शन इत्यादि ऐसे ही अनेक विषयों को उनके उद्भव काल से लेकर अब तक के ऐतिहासिक विकास क्रम में नवीनतम शोधों से प्राप्त प्रमाणित एवं अद्यतन आंकड़ों के साथ-साथ नए स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है।
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प्रभात प्रकाशन ने छापी है यह किताब-
डॉ मनीष रंजन ने बताया कि यह पुस्तक ऑनलाइन और विभिन्न बुक स्टॉल में उपलब्ध है। पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली द्वारा किया गया है। इससे पूर्व डॉ मनीष रंजन द्वारा लिखित सीसैट, एवं एनसीईआरटी समरी पुस्तक सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। उन्होंने कहा कि इस किताब की मदद से भारतीय कला और संस्कृति बड़ी आसानी से समझा जा सकता है।
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