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New Medical College अधूरे मापदंड के चलते सात मेडिकल कॉलेजों पर भारी न पड़ जाए देरी

Published: Mar 17, 2018 02:01:06 pm

Submitted by:

Deovrat Singh

Education News प्रदेश में खुलने वाले सात नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक फेकल्टी जुटा पाना…

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Education News प्रदेश में खुलने वाले सात नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक फेकल्टी जुटा पाना चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। पांच साल से ये कॉलेज मापदंड पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं जिन जिला अस्पतालों को संबंधित जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जोड़ा गया है। वहां के स्टाफ को चिकित्सा शिक्षा विभाग में भले ही शामिल कर लिया गया हो, लेकिन अधिकांश स्टाफ ने विलय के बाद इसकी लिखित घोषणा से ही इनकार कर दिया। जिले में आने के बाद स्टाफ विलय की घोषणा में कर रहा आनाकानी
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New Medical College आदेशों के अनुसार संबंधित जिलों के जिला चिकित्सालयों में कार्यरत स्टाफ, चिकित्सक, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य स्टाफ की सेवाएं राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से प्रतिनियुक्ति पर दी जाएंगी। लेकिन इनकी सेवाएं राज्य सेवक के रूप में बनी रहेंगी। इन कॉलेजों का संचालन इस सोसायटी के माध्यम से ही किया जाना है। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग को प्रारूप भेजकर कहा गया था कि सभी कर्मचारियों से डिक्लेरेशन फार्म भरवाए जाएं। लेकिन इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग को बताया कि अधिकांश कर्मचारी यह फार्म भर नहीं रहे या भरने से इनकार कर रहे हैं।
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फेकल्टी मिल नहीं रही और यह देरी New Medical College In Rajasthan
चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से लिखे गए पत्र में साफ कहा गया है कि नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मापदंडों के अनुसार फेकल्टी मिल नहीं रही। सभी कॉलेज शैक्षणिक सत्र 2018-19 से शुरू किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे में एमसीआई नियमानुसार जल्द से जल्द ये डिक्लेरेशन नहीं भरवाए गए तो प्रदेश को सात कॉलेजों का नुकसान हो सकता है।
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