तीन साल बाद मैथ्स का सेक्शन काफी मुश्किल रहा। वहीं इंग्लिश के सेक्शन में रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन के सवालों के पैटर्न में बदलाव देखा गया। इस बार २४ सवाल पांच पैसेज में से पूछे गए। चार पैसेज में से पांच सवाल और एक पैसेज में से चार सवालों का पैटर्न देखा गया। जबकि वर्बल एबिलिटी के १० कंटीन्यूएस नहीं होकर, मिक्स थे। क्वांट में ३४ में से यदि १८ सवाल भी सही अटेम्प्ट किए हैं तो यह अच्छा अटेम्प्ट माना जाएगा।
स्टूडेंट ध्रुव, दिव्यांशु ने बताया कि मैथ्स के सवाल लैंदी थे, लेकिन लॉजिकल रहे। वहीं पैसेजेज मॉडरेट टु ईजी थे। ये सेकंड वर्ल्ड वॉर, प्लास्टिक इन एन्वायर्नमेंट, हैप्पीनेस, बायोजेनेटिक और ह्यूमन बिहेवियर से संबंधित थे। लॉजिकल रीजनिंग और डेटा इंटरप्रिटेशन के ३२ सवाल काफी आसान थे। एक्सपर्ट कपिल दीक्षित ने बताया कि दोनों स्लॉट्स का पैटर्न लगभग एक जैसा रहा। सवालों की संख्या और पैटर्न सेम रहा। कपिल का कहना है कि इस बार IIM कोलकाता द्वारा पेपर बनाया गया था। IIM कोलकाता का रुझान हमेशा मैथ्स में रहा है। ऐसे में इस बार मैथ्स थोड़ा डिफिकल्ट रहा।