जानकारों के अनुसार बोर्ड चाहता है कि स्कूलों में अच्छे से अच्छा लर्निंग सिस्टम डवलप हो ना सिर्फ स्टूडेंट्स के ओवरऑल डवलपमेंट में सहायक हो, साथ ही इससे टीचर्स को भी टीचिंग मैथेड में फायदा हो सके। बोर्ड की ओर से हाल ही में भेजे गए इन लैटर्स में कहा गया है कि स्कूल प्रिंसिपल्स पैडागोजी लीडर्स के तौर पर अपनी भूमिका निभाते हुए एनुअल पैडागोजी प्लान बनाए। स्कूल्स से ऑनलाइन मंगवाए जा रहे प्लान में बेहतर सुझावों को बोर्ड इंटीग्रेटेड भी कर सकता है, जिससे सभी स्कूल्स को टीचिंग मैथेड और क्वालिटी एजुकेशन को इंप्रुव करने में मदद मिल सकें।
इकोसिस्टम को डवलप करने का प्रयास
बोर्ड की ओर से भेजे गए लैटर्स में जहां यह साफ किया गया है कि एकेडमिक्स को डवलप करने के लिए उन्हें विभिन्न बिन्दुओं पर काम करना होगा। बोर्ड का कहना है कि इस प्रोग्राम का उद्देश्य टीचिंग-लर्निंग इकोसिस्टम को डवलप करना है।
ये हैं महत्वपूर्ण बिन्दु
बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार प्रिंसिपल्स को जहां अपने स्कूल का एनुअल पैडागोजी प्लान बनाकर सब्मिट करना होगा वहीं अब स्कूल की सभी एक्टिविटीज में डायरेक्ट इनवॉल्व भी होना होगा। इसके अलावा इनहाउस ट्रेनिंग मैथेड, जॉयफुल लर्निंग, स्कूल रिसोर्सेज, प्रेक्टिकल्स जैसे पहलुओं को भी इसमें शामिल किया गया है। कार्यक्रम के तहत स्कूल्स में इनोवेशन को प्रमोट करने की जिम्मेदारी भी स्कूल्स की ही होगी।
क्या होगा प्लान
स्कूल की ओर से भेजे जाने वाले पैडागोजी प्लान में स्कूल की बेसिक इंफॉर्मेशन से लेकर नंबर ऑफ मीटिंग तथा प्लानिंग इम्प्लीमेंट प्रोसेस को बताने की बात की है।