पेपर में एनसीईआरटी का वेटेज अभी तक का सबसे ज्यादा रहा। इसमें से 43 प्रतिशत सवाल आए, जो डायरेक्ट पूछे गए। 27 प्रतिशत सवाल एेसे थे, जो पिछले 10-15 सालों के पेपर्स पर आधारित रहे। जबकि लॉजिकल बेस्ड 12-13 प्रतिशत रहे। इसके अलावा मेमोरी और फैक्ट बेस्ड सवाल 18 प्रतिशत रहे, जो काफी आसान थे। पेपर में सबसे आसान मैथ्स, फिजिक्स मॉडरेट और कै मिस्ट्री था। परीक्षा का आयोजन 12 जनवरी तक किया जाएगा। स्टूडेंट्स को जेईई मेन का दूसरा मौका अप्रैल में दिया जाएगा। सेंटर पर पहुंचे स्टूडेंट्स की गहन तलाशी ली गई। हुड और कैप नहीं पहनने दी गई, लेकिन स्वेटर्स, वुलन और शूज पर रोक नहीं लगाई गई।
स्टूडेंट देवांश अग्रवाल ने बताया कि पेपर में कैमिस्ट्री टफ, इनऑर्गेनिक के क्वेश्चन डिफिकल्ट रहे, जबकि मैथ्स थोड़ी लैंदी रही। फिजिक्स में कुछ टॉपिक्स के ज्यादा सवाल आए और कुछ टॉपिक्स से बिलकुल नहीं। ओवरऑल कैमिस्ट्री थोड़ी टफ लगी। स्टूडेंट अहान मल्होत्रा ने बताया कि मॉक टैस्ट का काफी फायदा मिला। ओवरऑल पेपर मॉडरेट रहा।
एक्सपर्ट सुरेश द्विवेदी ने बताया कि कैमिस्ट्री के सेक्शन में एनसीईआरटी के डायरेक्ट सवाल काफी आसान रहे। एक्सपर्ट मोहित त्यागी ने बताया कि ओवरऑल पेपर मॉडरेट रहा। फिजिक्स में तीन चार सवालों ने परेशान किया।
क्या करें स्टूडेंट्स?पेपर के पैटर्न को देखकर आगामी पेपर्स के लिए एक्सपट्र्स का अनुमान है कि पेपर का डिफिकल्टी लेवल बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगा। हालांकि सवाल बदल जाएंगे। एक्सपर्ट आशीष अरोड़ा का कहना है कि एनसीईआरटी पर फोकस करें, छोटी-छोटी गलतियां न करें और स्पीड व एक्यूरेसी बेहतर रखें तो अच्छा स्कोर किया जा सकता है। एक्सपर्ट ध्रुव बेनर्जी ने बताया कि कैमिस्ट्री में ऑर्गेनिक की रिएक्शंस सीधे एनसीईआरटी से पूछी गईं। पेपर काफी आसान रहा है, यदि डिफिकल्टी लेवल बढ़ता है तो नॉर्मलाइजेशन कर दिया जाएगा।