राजीव कुमार ने कहा, विद्यालयों में अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ छात्र-छात्राओं की भी शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए। बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों के माता-पिता के साथ मासिक बैठकें कर अभिभावकों को बच्चों के शिक्षण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जाए, ताकि छात्र और अधिक मेहनत के साथ पढ़कर अपना भविष्य उज्जवल बना सकें।
उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुसार अध्यापकों की अधिकता हो, ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर तैनात अध्यापकों को अन्य विद्यालयों के रिक्त पदों पर नियमानुसार शीघ्र तैनात किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि अगले साल अप्रेल में १६६ पंडित दीनदयाल उपाध्याय मॉडल इंटर कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। इन कॉलेजों में शिक्षकों की कमी नहीं हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
कुमार ने बताया कि बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने के लिए पाठ्यक्रम में जरूरी बदलाव किए जाएंगे। यूपी में एनसीईआरटी पैटर्न अपनाया जाएगा ताकि प्रदेश के सरकारी स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबंद्ध स्कूलों के बराबर लाया जा सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव नियोजन एवं आई.टी. संजीव सरन, विशेष सचिव माध्यमिक संध्या तिवारी, विशेष सचिव बेसिक शिक्षा डी.पी. सिंह, निदेशक माध्यमिक शिक्षा अवध नरेश शर्मा, निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे।