राज्य सरकार ने ‘समूह ग’ तक की भर्ती में इंटरव्यू को खत्म कर दिया है हालांकि पूर्ववर्ती सरकार में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में यह व्यवस्था लागू रखी गई है। आयोग रुकी भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरी करना चाहता है इसीलिए चरणबद्ध तरीके से साक्षात्कार लेने का कार्यक्रम घोषित किया जा रहा है।
आयोग की नई व्यवस्था के मुताबिक अभ्यर्थियों का साक्षात्कार केवल उनके रोल नंबर के आधार पर होंगे। इतना ही नहीं साक्षात्कार से 30 मिनट पहले इसके लिए पैनल तैयार किया जाएगा। पैनल में कुल तीन सदस्य होते हैं, जिसमें एक बोर्ड सदस्य और दो विशेषज्ञ शामिल है। बोर्ड सदस्य के साथ साक्षात्कार में किन विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा, इसका निर्णय अंतिम समय में ही होगा। ये सब व्यवस्था इसलिए की जा रही ताकि साक्षात्कार से पहले होने वाले धांधली को रोका जा सके।
आयोग का मानना है कि नई व्यवस्था से धांधली की संभावना काफी हद तक कमी आएगी। इसमें भाई, भतीजावाद, जातिधर्म और क्षेत्रवाद के नाम पर किसी को पास नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही पैनल में शामिल होने वाले विषय विशेषज्ञों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी रखी गई है।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने कहा- भर्ती प्रक्रिया में धांधली रोकने के लिए यह बदलाव किया जा रहा है। जब अभ्यर्थियों को ये ही पता नहीं होगा कि उनका साक्षात्कार कौनसा पैनल लेगा तो वे अपना जोड़तोड़ नहीं बिठा पाएंगे। वहीं दूसरी तरफ पैनल वालों को भी अभ्यर्थियों के नाम की लिस्ट की जगह केवल रोल नंबर की लिस्ट ही मिलेगी, जिससे वे किसी तरह की धांधली नहीं कर सकेंगे। इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे आयोग का मकसद सिर्फ इतना सा है कि योग्य और पात्र कैंडिडेट्स को नौकरी मिल सकें।