यह सभी दीपक सरयू तट के किनारे स्थित राम की पैड़ी की सीढ़ियों पर जलाए गए और इसे जलाने के लिए करीब 6000 से अधिक वॉलिंटियर्स ने अपनी भूमिका निभाई | दीपक जलाने का जिम्मा फैजाबाद की डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को सौंपा गया था | जिनके कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित के निर्देशन में विभिन्न स्कूल कॉलेजों के बच्चों ने बीते 24 घंटे की कड़ी मेहनत से यह सफलता पाई है|
दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला व सीएम योगी बने इस विश्व रिकार्ड के गवाह- विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले कार्यक्रम के आयोजन के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल सहित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जोंग सुक के साथ सरयू तट के किनारे बने राम की पैड़ी के परिसर में मौजूद थे | प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिमोट से एक विशालकाय दीपक जलाकर इस रिकॉर्ड को कायम करने में अपनी भूमिका निभाई | इस दौरान बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन सहित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा केशव प्रसाद मौर्य के अलावा योगी मंत्रिमंडल के कई अन्य मंत्री मौजूद रहे | इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू तट पर मां सरयू की आरती उतारी और उसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जोंग सुक की उपस्थिति में दीपोत्सव के कार्यक्रम को संपन्न कराया गया| इस आयोजन को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग सरयू तट के किनारे मौजूद रहे|
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने की दीपकों की गनती-
बताते चलें कि बीते वर्ष योगी सरकार द्वारा शुरू की गई दीपोत्सव पर्व मनाने की परंपरा के दूसरे वर्ष में रिकॉर्ड कायम किया गया | बीते वर्ष भी करीब एक लाख 80 हजार से अधिक दीपक जलाकर विश्व रिकार्ड बनाने का प्रयास किया गया था | लेकिन तकनीकी कमियों के कारण इस आयोजन को विश्व रिकॉर्ड बनने का सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया था | जिसे दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को पहले से ही आमंत्रित कर दिया गया था और 9 लाख की भारी-भरकम कीमत चुका कर दीपों की संख्या की गिनती करने के लिए यह पूरा जिम्मा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को सौंपा गया था| इन्होंने अपने उपकरणों के जरिए इस गिनती को पूरा कर |
बताते चलें कि बीते वर्ष योगी सरकार द्वारा शुरू की गई दीपोत्सव पर्व मनाने की परंपरा के दूसरे वर्ष में रिकॉर्ड कायम किया गया | बीते वर्ष भी करीब एक लाख 80 हजार से अधिक दीपक जलाकर विश्व रिकार्ड बनाने का प्रयास किया गया था | लेकिन तकनीकी कमियों के कारण इस आयोजन को विश्व रिकॉर्ड बनने का सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया था | जिसे दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को पहले से ही आमंत्रित कर दिया गया था और 9 लाख की भारी-भरकम कीमत चुका कर दीपों की संख्या की गिनती करने के लिए यह पूरा जिम्मा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को सौंपा गया था| इन्होंने अपने उपकरणों के जरिए इस गिनती को पूरा कर |
जले इतने दीपक- कुल दीपकों की संख्या 3 लाख 1 हजार 152 बताई है| जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है और इतनी बड़ी संख्या में एक साथ दीपक जलाने का कार्यक्रम आज तक पूरी दुनिया में कहीं आयोजित नहीं हुआ| इस सफलता के प्राप्त करने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोजन समिति और इस कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने वाले सभी सदस्यों को बधाई दी है | राम नगरी अयोध्या के सरयू तट के किनारे स्थित राम की पैड़ी की सीढ़ियों पर जब दीपक जले तो मानो यूं लगा कि आसमान में असंख्य तारे टिमटिमा रहें हों और पूरा राम की पैड़ी का तट रोशनी से जगमगा उठा | असंख्य दीपकों को देख लोग रोमांचित हो उठे | जय श्रीराम के उद्घोष के बीच भगवान राम के अयोध्या आगमन की खुशी में आयोजित इस कार्यक्रम में जहां भक्ति और उल्लास ज्वार लेता दिखाई दिया वहीं एक विश्व रिकॉर्ड बनाने की खुशी भी आयोजन कर्ताओं के चेहरे पर देखने को मिली |