अयोध्या के संतों ने उठाया सवाल क्या ऐसे पीएम नरेन्द्र मोदी बनायंगे काशी को क्योटो
काशी की घटना पर अयोध्या के संतों ने कहा सिर्फ मुआवजा नही दोषियों को कड़ी सजा दें सीएम योगी

फैजाबाद ( अयोध्या ) ज्येष्ठ मास का तीसरा मंगलवार भगवान शिव की पौराणिक नगरी काशी के लिए मंगलकारी साबित नहीं हुआ . शाम करीब 5:40 पर वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास बन रहे निर्माणाधीन फ्लाईओवर का स्लैब गिरने के कारण करीब 18 लोगों की जहां मौत हो गई . वही दर्जनभर से अधिक लोग बुरी तरह से जख्मी हो कर बनारस के तमाम सरकारी अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं . यह हादसा इसलिए भी ज्यादा दर्दनाक है क्योंकि इस हादसे के बाद तमाम घायल मदद के लिए चीखते चिल्लाते रहे लेकिन मौके पर मौजूद हजारों की भीड़ उनकी मदद नहीं कर सकी . निर्माणाधीन फ्लाईओवर का भारी भरकम स्लैब हिला पाना भी किसी के बस का नहीं था और इसी कारण आंखों के सामने देखते ही देखते चीखते-चिल्लाते कई बदनसीबों ने अपनी जान गवा दी और मौके पर मौजूद लोग चाह कर भी कुछ नहीं कर सके . इस हादसे के बाद भगवान राम की नगरी अयोध्या के संतों में शोक की लहर है और उन्होंने भगवान शिव की नगरी काशी में हुए इस हादसे पर ना सिर्फ दुख जताया है , बल्कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सख्त लहजे में कहा है कि इस मामले पर मारे गए लोगों और घायलों को सिर्फ मुआवजा देने भर से काम नहीं चलेगा .बल्कि इस घटना के पीछे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उन्हें जेल भेजे जाने की कार्रवाई होनी चाहिए .
अयोध्या के शीर्ष संतों ने उठाया सवाल क्या ऐसे पीएम नरेन्द्र मोदी बनायंगे काशी को क्योटो
पत्रिका टीम से खास बातचीत करते हुए जगद्गुरु श्री रामदिनेशाचार्य ने इस घटना पर दुख जताया है . जगद्गुरु श्री रामदिनेशाचार्य ने कहा कि काशी भगवान शिव की नगरी है और इस समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी के सांसद हैं . उन्होंने काशी को क्योटो बनाने की बात कही थी लेकिन अगर इस तरह से काशी को क्योटो बनाया जाएगा तो ऐसा विकास हमें मंजूर नहीं है . काशी एक पौराणिक नगरी है जहां पर देश के कोने-कोने से भक्त श्रद्धालु वर्षपर्यंत आते-जाते रहते हैं . ऐसी स्थिति में जिस तरह का यह हादसा हुआ है वह बेहद दर्दनाक है . मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है भगवान उनकी आत्मा को शांति दे . लेकिन अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस मामले में दोषियों को कार्रवाई के नाम पर निलंबित न करें बल्कि उन्हें जेल भेजें और उनके ऊपर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराएं .
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सतेन्द्र दास ने कहा मरने वालों के परिवार के आंसुओं की कीमत समझे सरकार
पत्रिका टीम से बात करते हुए श्री राम जन्मभूमि विवादित परिसर में रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भगवान शिव की नगरी में जिस प्रकार की यह दुखद घटना हुई है उससे ना सिर्फ पीड़ित परिवारों को कष्ट पहुंचा है ,बल्कि इस आध्यात्मिक नगरी की संस्कृति को भी ठेस पहुंची है .आज मृतकों के परिवार में दुख का माहौल है केंद्र व प्रदेश सरकार लोगों के आंसुओं की कीमत को समझें और इस घटना पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें . जिससे आगे कभी इस तरह की कोई लापरवाही सामने ना आए जांच के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई ना हो बल्कि निष्पक्ष जांच करते हुए चाहे कितना बड़ा अधिकारी क्यों ना हो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो जिससे भविष्य में बेगुनाह लोगों की जान ना जाए .
अब पाइए अपने शहर ( Faizabad News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज