खब्बू 2007 से लगातार तीन बार सपा, बसपा और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। 2017 के चुनाव में वे भाजपा के टिकट पर जीते। वर्ष 1997 में जौनपुर के सिंगरामऊ थाना क्षेत्र में उन पर जीप लूट की का मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद सोनभद्र के एक पीसीओ कर्मचारी की हत्या का मुकदमा सोनभद्र के पिपरी थाने में दर्ज है। इसमें खब्बू तिवारी आरोपी हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी, फैजाबाद मदन चंद्र दुबे के मुताबिक विधानसभा निर्वाचन में हलफनामे में सूचनाएं छिपाना गंभीर प्रकरण है। ऐसे मामलों में अपील पर सुनवाई का अधिकार भारत निर्वाचन आयोग के पास है। आरोप सही पाए जाते हैं तो निर्वाचन रद्द हो सकता है।
हाई कोर्ट ने सबूत जुटाने के निर्देश दिए
जौनपुर में हुई लूट और हत्या के मामले में पुलिस और कोर्ट को बस्ती के हरैया का गलत पता देने वाले खब्बू तिवारी के खिलाफ हाईकोर्ट, इलाहाबाद ने एसपी जौनपुर को सबूत जुटाने के निर्देश दिए हैं।
विधायक ने कहा, मुझे नहीं पता मुकदमे के बारे में
इस मामले में विधायक इंद्र प्रताप तिवारी कहना है कि 1997 में जौनपुर के सिंगरामऊ थाने से संबंधित लूट के मामले की हमें कोई जानकारी नहीं है। अब ताक इसमें उन्हें कोई वारंट नहीं मिला। न कोर्ट ने तलब किया। तीन विधानसभा चुनावों उन्होंने 27 अपराधों का ब्योरा दिया है। उनका कहना है कि पुलिस और कोर्ट बाकी के मामले में कार्रवाई करनी चाहिए थी।
140 विधायक दागी
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा लोकसभा में 185 और राज्यसभा में 40 सांसद दागी हैं। यही नहीं उप्र की सरकार में तो कई मंत्री भी दागी हैं। चुनाव लड़ते वक्त निर्वाचन आयोग को सौंपे गए हलफनामे में जिन मुकदमों का जिक्र इन मंत्रियों ने किया है, उसे एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट यानी एडीआर ने संकलित किया है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने भी एक रिपोर्ट तैयार की है। इसके मुताबिक कई मंत्री दागी हैं। इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक योगी के मंत्रिमंडल में 45 फीसदी मंत्री दागदार हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा यूपी में चुने गए कुल 403 जनप्रतिनिधियों में से 140 विधायक ऐसे हैं जो दागी हैं या कहें जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं।