हरियाणा के जाट आरक्षण आंदोलन का असर राजस्थान रोडवेज पर भी पडऩे लगा है। आंदोलन के चलते जगह-जगह लगे जाम के कारण राजस्थान रोडवेज बसों का संचालन रविवार को दिनभर प्रभावित रहा। शाम पांच बजे तक अलवर, मथुरा तथा दिल्ली मार्ग की बसों के पहिए थमे रहे।
हरियाणा के जाट आरक्षण आंदोलन का असर राजस्थान रोडवेज पर भी पडऩे लगा है। आंदोलन के चलते जगह-जगह लगे जाम के कारण राजस्थान रोडवेज बसों का संचालन रविवार को दिनभर प्रभावित रहा। शाम पांच बजे तक अलवर, मथुरा तथा दिल्ली मार्ग की बसों के पहिए थमे रहे।
शाम को कंजोली लाइन पर लगा जाम खुलने के बाद भरतपुर से अलवर के लिए बसों का संचालन शुरू हो सका। जबकि, मथुरा व दिल्ली की बसें नहीं चल सकी। सुबह चार-पांच बसें दिल्ली के लिए भेजने के बाद से कंजौली लाइन पर लगे जाम के कारण अलवर, मथुरा तथा दिल्ली की तरफ जाने वाली बसों का संचालन ठप हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली तथा मथुरा के लिए हर दिन भरतपुर व लोहागढ़ डिपो से करीब 60 बसें संचालित होती हैं। उन्होंने बताया कि मथुरा तथा दिल्ली की बसें ठप होने से रोडवेज को हर दिन करीब 3 लाख रुपए का नुकसान होगा।
सैकड़ों यात्री हुए परेशान
मथुरा तथा दिल्ली मार्ग पर बसों का संचालन ठप होने के कारण तीनों रूट के लिए जाने वाले सैंकड़ो यात्री परेशान होते रहे। काफी देर तक इंतजार करने के बाद यात्री बस स्टैण्ड से रेलवे स्टेशन गए। गंतव्य तक पहुंचने के लिए यात्री काफी परेशान होते रहे।
रोडवेज की कोशिश रही नाकाम
भरतपुर से मथुरा होते हुए बसों का संचालन ठप होने के बाद स्थानीय रोडवेज प्रशासन ने अलवर, तिजारा होते हुए दिल्ली के लिए बसों का संचालन करने की कोशिश की। लेकिन भिवाड़ी के आगे जाम लगा होने के कारण बसों को रास्ते से ही वापस बुलाना पड़ गया।
उधर, दिल्ली से वापस आ रही एक बस भरतपुर जिले के गांव भवनपुरा में रास्ता खोद देने के कारण फंस गई। इस पर चालक-परिचालक के स्तर पर ग्रामीणों की समझाइश कर बस को लाने को लेकर मशक्कत चलती रही।
पी.के. सैनी मुख्य प्रबंधक भरतपुर डिपो ने बताया कि आरक्षण आंदोलन के चलते अलवर, मथुरा तथा दिल्ली मार्ग की बसों का प्रभावित रहा। शाम को अलवर की तरफ संचालन शुरू हो गया। जबकि, दिल्ली तथा मथुरा मार्ग पर बसें नहीं चल सकी। स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं