भगवा दुर्ग में जाति धर्म की सियासत का तोड़ ढूंढ रही है सपा बताते चलें कि साल 2014 के चुनाव में फैजाबाद संसदीय सीट से धुआंधार मतों से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लल्लू सिंह विजयी हुए और पूरे देश में चली प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की आंधी में अन्य दल ताश के पत्तों की तरह बिखर गए . यह जीत का सिलसिला साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जारी रहा और फैजाबाद जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने जोरदार जीत दर्ज की . कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के लिए हर चुनाव में संजीवनी का काम करने वाली धार्मिक नगरी अयोध्या एक बार फिर से भगवा दुर्ग में तब्दील हो गई . वर्तमान में केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के बाद बीते दिनों अयोध्या में प्रदेश की योगी सरकार द्वारा भगवान राम राज्याभिषेक के भव्य कार्यक्रम आयोजन के बाद कम से कम अयोध्या फैजाबाद में इस आयोजन को लेकर जनता में उत्साह को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने एक ऐसे प्रत्याशी को चुनाव में उतार दिया है जिसे विपक्ष किसी जाति धर्म पंथ संप्रदाय से ना जोड़ सके .
टिकट मिलने के बाद कनक भवन हनुमान गढ़ी में गुलशन बिंदु ने किया दर्शन बिहार के सीतामढ़ी में जन्मी 47 वर्षीय कक्षा 8 पास गुलशन बिंदू ने रविवार को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिर कनक भवन और हनुमान गढ़ी में दर्शन पूजन कर अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की .गौरतलब है कि अयोध्या में होने वाले चुनाव पर हमेशा से जाति-धर्म की सियासत का भी बड़ा असर रहा है . मंदिर मस्जिद के मुद्दे ने यहां के चुनावी नतीजों को प्रभावित करने का काम किया है . संतों की नगरी में हर चुनाव में तमाम सियासी पार्टियों द्वारा प्रत्याशियों का चयन बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है जिसे ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी ने किन्नर गुलशन बिंदु के तौर पर एक ऐसे प्रत्याशी को नगर निकाय चुनाव में उतार दिया है जो दोनों ही संप्रदाय में आस्था रखती हैं और महिला और पुरुष दोनों वर्गों में बराबर लोकप्रिय हैं . समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने के लिए एक ऐसे प्रत्याशी को चुनाव में उतारा है जिसके रहते अयोध्या नगर निगम का चुनाव जाति धर्म के फैक्टर से दूर रहे और विपक्षी दल इसका फायदा न उठा पाए .