समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री ने दिए निर्देश दीपोत्सव कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में नही रहनी चाहिए कोई कसर बैठक के शुरूआत में प्रभारी मंत्री सतीश महाना ने मुख्यमंत्री जी द्वारा किये गये शिलान्यास के निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुए समस्त निर्माण कार्यो को दीपोत्सव के पूर्व 15 अक्टूबर तक हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिये, ताकि उनके लोकार्पण के साथ अयोध्या की छवि बदली हुई मिले। उन्होनें कहा कि अयोध्या पूरे विश्व में जानी जाती है, अतः इसको आदर्श पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जाना है और इसमें धन की कोई कमी नही आनी दी जायेगी। भारत के साथ-साथ प्रदेश की पर्यटन मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री जी अयोध्या के पर्यटन कार्यो की स्वयं समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश देते रहते है।
अयोध्या के ऐतिहासिक स्थलों और नगर क्षेत्र में घोषित सौन्दर्यीकरण और विकास योजनाओं को इमानदारी से शत प्रतिशत लागू करने के निर्देश समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी डा0 अनिल कुमार ने प्रभारी मंत्री जी को बताया कि 3 करोड़़ 48 लाख रू0 की लागत से अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला केन्द्र अयोध्या के बाउण्ड्री वाल, गेट व पार्किंग का कार्य शेष है। कुछ भूमि की और आवश्यकता है, जिसके क्रय हेतु अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तेजी से कार्यवाही की जा रही है। सांसद लल्लू सिंह व अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता द्वारा 7 करोड़ 39 लाख रू0 की लागत से प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय बस स्टेशन का निर्माण प्रारम्भ न होने की बात उठाने पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ब्रजपाल सिंह ने मंत्री को बताया कि वर्तमान में कार्य स्थल पर बरसात का पानी भरा होने के कारण कार्य प्रारम्भ नही हो सका, निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराया जायेगा। जिलाधिकारी ने प्रभारी मंत्री को बताया कि पवित्र सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी के दूसरे तरफ 14 करोड़ 77 लाख रू0 की लागत से भजन संध्या स्थल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके संरचना व स्टेप पर पत्थर का कार्य पूर्ण है। श्रद्धांलुओं की बैठने की व्यवस्था की जा रही है। प्रभारी मंत्री ने दीपोत्सव के पूर्व कार्य को पूर्ण कराने का निर्देश दिया ताकि दीपोत्सव के समय एक अच्छा स्थल प्रशासन को उपलब्ध हो सके।