बैठक में मौजूद मुख्य विकास अधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि तम्बाकू की सेवन से प्रति वर्ष 4 लाख कैंसर के मरीज, 13 लाख ह्रदय से सम्बन्धित बीमारी के मरीज निकलते है और विश्व में सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मरीज है. तम्बाकू के सेवन करने वाले व्यक्ति न केवल अपने को दुश्चक्र से न ही अपने को प्रभावित करते है बल्कि अपने आस-पास के लोगो को भी प्रभावित करते है. उन्होने बताया कि तम्बाकू के उपयोग से जहां असामान्य रक्त चाप, असामान्य ह्रदय गति, संकीर्ण रक्त नलिका, शारीरिक क्रियाकलापों व उत्पादकता में गिरावट, वेठंगे बाल, बदबूदार सांस, दागदार दांत, मसूड़े का क्षतिग्रस्त होना, दांतो का सड़ना, स्वाद तथा गन्ध को पहचानने मे गिरावट, सांस लेने में कठिनाई तथा दांतो में गर्म व ठण्डा लगना अल्पकालीन दुष्परिणाम हैं वहीं दीर्घकालीन दुष्परिणाम के तहत नपुंसकता , गर्भधारण में परेशानी, मोतियाबिन्द, खांसी, क्षयरोग, अस्थमा, उच्च रक्त चाप, ह्रदय रोग, दिमागी लकवा, पेट में फोड़ा, मंुह के खाने नली, ध्वनिक के बक्से का, सांस की नली, फेफड़ो का, पेट का, अग्नाश्य का कैंसर की सम्भावना के साथ श्लेश्मल झिल्ली में दाग से प्रभावित होते है.जिलाधिकारी ने सभी से अपील की है कि उपरोक्त दुष्परिणामों से न ही केवल तम्बाकू का उपयोग करने वाला व्यक्ति बल्कि सेकण्ड हेण्ड स्मोक के तहत आस-पास का व्यक्ति व थर्ड हैण्ड स्मोक से सबसे ज्यादा नवजात शिशु प्रभावित होते है उन्होने कहा कि हम सभी को संकल्प लेना चाहिये कि न तो हम तम्बाकू व उससे बने अन्य उत्पादों का सेवन करेगें और न ही अपने आस-पास के लोगो को सेवन करने देगें. उन्होनें यह भी कहा कि जो लोग तम्बाकू व उससे बने उत्पादो का सेवन कर रहे है उन्हें उसके दुष्प्रभाव से अवगत कराना हमारा कर्तव्य ही नहीं धर्म भी है.