मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ग्राम स्तर पर तैनात सभी कर्मचारी विशेष सतर्कता बरते तथा इसके लिए ग्राम प्रधानो का भी सहयोग लें। जिलाधिकारी ने आईसीडीएस विभाग को कुपोषित बच्चों की पहचान और उपचार, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने, एईएस/जेई रोग से विकलांग कुपोषित बच्चों को अति कुपोषित बच्चों की भांति पुष्टाहार उपलब्ध कराने, विकलांग बच्चों को प्रशिक्षण एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने तथा एएनएम एवं एवं आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिय सहयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग को ग्रामों में नालियों की साफ-सफाई, झाड़ियों को कटवाने, उथले हैंडपंपों को लाल रंग से चिन्हिकरण, इंडिया मार्का-2 हैंडपंप/प्लेटफार्म की मरम्मत कराने, फाॅगिंग कराने के निर्देश दिये। शिक्षा विभाग को स्कूलो के माध्यम से रैली निकलवानें एवं लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक करे। उन्होनें कहा कि विद्यालयों मे प्रतिदिन एक विशेष कक्षा संचालित की जाये जिसमें जेई/एईएस एवं अन्य वेक्टर जंनित रोगो के विषय में बच्चों को शिक्षित किया जाये।
जिलाधिकारी डा0 कुूमार ने नगर निगम को शहरी क्षेत्रों में वातावरणीय तथा व्यक्तिगत स्वच्छता के उपायों, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों की रोकथाम हेतु खुली नालियों को ढ़कनें की व्यवस्था, कचरें की सफाई, फागिंग करवाने एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने, कृषि विभाग को आवासीय क्षेत्रों के आस-पास छुछन्दर, चूहों आदि को नियंत्रित करने हेतु उपाय करने, पशुपालन विभाग को आबादी वाले क्षेत्रो केबाड़ों को दूर करने एवं जानवरों के पालन स्थल को स्वच्छ रखने तथा दिव्यांग कल्याण विभाग को दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास हेतु सहायक उपकरणों का वितरण कराने के निर्देश दिये।