टांडा रेलवे स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि एनटीपीसी में कोयले का स्टाक क्षमता के अनुसार 10 मीटर हाइट तक होना चाहिए, जो 30 मीटर तक पहुंच गया है
अम्बेडकरनगर. कोयले की खपत घटने और स्टॉक अधिक हो जाने से एनटीपीसी ने बीते एक अप्रैल से पावर प्लांट में कोयले के प्रवेश पर रोक लगा दी है, जिसके कारण कोयले की रैक जगह-जगह खड़ी हो गई है। रेलवे विभाग इसको लेकर असमंजस की स्थिति झेल रहा है।
टांडा रेलवे स्टेशन के अधीक्षक सत्य नारायण सिंह ने बताया कि एनटीपीसी में कोयले का स्टाक क्षमता के अनुसार 10 मीटर हाइट तक होना चाहिए, जो 30 मीटर तक पहुंच गया है। परिसर में कोयला रखने की जगह नहीं है, जिसके चलते रोक लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से 58 रैक की ट्रेन टांडा रेलवे स्टेशन पर खड़ी है। इसके अलावा एक ट्रेन एनटीपीसी गेट पर खड़ी है और जगह न होने से एनटीपीसी अपना गेट नहीं खोल रही है। कोयले की खपत कम होने की वजह एनटीपीसी की चार यूनिटों में से एक बन्द होना और कोल कंपनियों द्वारा ट्रेनों में अधिक रैक लगा कर भेजना बताया जा रहा है।
स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि कोल कंपनियों को इसकी सूचना फोन और फैक्स से भेज दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी कंपनियों ने कोयला भेजने की प्रक्रिया जारी रखी, जिसकी वजह से ये समस्या पैदा है। उन्होंने बताया कि 58 रैक की एक ट्रेन कोयला लादकर अकबरपुर स्टेशन पर भी खड़ी है।