scriptफैजाबाद में पूरी शिद्दत से अमान खान साथियों के साथ मिलकर करते हैं गणपति की पूजा | People of Muslim community do Ganpati Pooja in Faizabad | Patrika News

फैजाबाद में पूरी शिद्दत से अमान खान साथियों के साथ मिलकर करते हैं गणपति की पूजा

locationफैजाबादPublished: Sep 20, 2018 02:16:07 pm

गणपति बप्पा की आरती से लेकर प्रसाद बांटना और खाना और फिर उन्हें विदाई देने तक के सफ़र में साथ रहते हैं मुस्लिम भाई

People of Muslim community do Ganpati Pooja in Faizabad

Ganpati Pooja Faizabad

फैजाबाद : जहां देश के अलग अलग हिस्सों में हिंदू मुस्लिम धर्म को लेकर कुछ तथाकथित लोग अक्सर उन्माद फैलाने की कोशिश करते हैं वहीँ राम नगरी अयोध्या व नवाबो का शहर फैजाबाद हिंदू मुस्लिम की एकता एक नजीर पेश कर रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द, गंगा जमुनी तहजीब व भाईचारा की एक मिसाल बन रही है फैजाबाद शहर के मुकेरी टोला की हिंदू मुस्लिम गणेश पूजा। इस आयोजन की ख़ास बात ये है कि इस आयोजन की अगुवाई मुस्लिम समुदाय के कुछ उत्साही युवा करते हैं और पूरी शिद्दत से गणपति की पूजा करते हैं
गणपति बप्पा की आरती से लेकर प्रसाद बांटना और खाना और फिर उन्हें विदाई देने तक के सफ़र में साथ रहते हैं मुस्लिम भाई

रामनगरी अयोध्या हो या फिर नवाबों का शहर फैज़ाबाद हमेशा इस जुड़वा नगरी ने आपसी प्रेम भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है।जहां देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू मुस्लिम को लेकर अक्सर टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है | वही नवाबों के शहर फैजाबाद में हिंदू मुस्लिम गणेश पूजा एक मिसाल पेश कर रही है। शहर के मुकेरी टोला के रहने वाले मोहम्मद अमान खान पिछले 6 साल से हिंदू भाइयों के साथ मिलजुल कर गणेश पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं। दोनों समुदाय के लोग गणेश की पूजा करते हैं आरती भी करते हैं प्रसाद भी बांटते हैं प्रसाद भी खाते हैं और विसर्जन के दिन दोनों समुदाय के लोग गुप्तार घाट पर सरयू नदी में गणेश विसर्जन भी करते हैं।
ये उनके लिए नजीर है जो सियासी फायदे के लिए मजहब के नाम पर एक दूसरे गला काटते हैं

यह एक झलक है राम नगरी और नवाबों के शहर फैज़ाबाद की।अयोध्या फैजाबाद में हिंदू मुस्लिम की एकता चाहे वह गणेश पूजा हो या फिर दुर्गा पूजा हो सब में निखर कर आती है। फैजाबाद के बाहर देश के अलग अलग हिस्सों में भले हिंदू भाई मुस्लिम झगड़ते हो लेकिन जहां पर रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद जैसे बड़े मामले होते हुए भी एक दूसरे के आयोजन में मिलजुल कर भाग लेना अपने आप में गंगा जमुनी तहजीब ही नहीं भाईचारा अमन-चैन और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल भी पेश करते हैं।ये वह लोग हैं जो नेताओं के भाषणों से दूर उनके भड़काऊ भाषण से भी दूर अपने आप में मस्त होकर एक दूसरे के धार्मिक आयोजनों में शरीक होते हैं और उन लोगों के लिए संदेश छोड़ जाते हैं जो मजहबी फायदे के लिए एक दूसरे गला काटते हैं।
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