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आयोजन : अवध विश्वविद्यालय के प्रथम पुरातन छात्र समागम समारोह में सम्मानित हुई हस्तियाँ

locationफैजाबादPublished: Mar 07, 2018 10:36:34 am

पर्वतारोही अरूणिमा सिन्हा ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिये विकल्प नहीं संकल्प की आवश्यकता होती है

Puratan Chhatra smagam programe organized In Aawdh University Faizabad

Puratan Chhatra smagam programe organized In Aawdh University Faizabad

फैजाबाद : डाॅ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अनुक्रम में परिसर स्थित स्वामी विवेकानन्द सभागार में ‘‘प्रथम पुरातन छात्र समागम‘‘ समारोह पूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के0एन0आई0ई0टी, सुल्तानपुर के निदेशक प्रो0 जे0पी0 पाण्डेय एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व न्यायमूर्ति डी0पी0 सिंह उच्च न्यायालय रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पुरातन छात्रों क्रमषः पूर्व सांसद डाॅ0 निर्मल खत्री, पर्वतारोही अरूणिमा सिन्हा, समाज सेवी श्रीमती मिथिलेश सिंह प्रशासक अमरनाथ दूबे, वैज्ञानिक डाॅ0 मो0 शकील खां एवं डाॅ0 शिवेन्द्र मौर्य, कथामर्मज्ञ डाॅ0 सुनीता शास्त्री को कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया।
के0एन0आई0ई0टी के निदेशक प्रो0 जे0पी0 पाण्डेय ने कहा सभी सम्बद्ध महाविद्यालय अपने संस्थान में छात्र-छात्राओं का एक डाटाबेस तैयार करे और उसे विश्वविद्यालय से जोड़ा जाये

कार्यक्रम में पुरातन छात्र सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के0एन0आई0ई0टी के निदेशक प्रो0 जे0पी0 पाण्डेय ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि सभी सम्बद्ध महाविद्यालय अपने संस्थान में छात्र-छात्राओं का एक डाटाबेस तैयार करे और उसे विश्वविद्यालय से जोड़ा जाये। इससे सभी क्षेत्रों में कार्य करने वाले छात्रों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार हो जायेगा। इस सुविधा से एक तरफ रोजगार सृजन में बढ़ावा मिलेगा दूसरी तरफ आधारभूत संसाधनों में वृद्धि होगी। क्योंकि 20 प्रतिशत लोग ही ऐसे होते है जो 80 प्रतिशत का कार्य करते हैं। बस उन्हीं लोगों को खोजने की आवश्यकता है।
छात्र पुरातन समागम का उद्देश्य पुरातन छात्रों के नेटवर्क को व्यापक करना हैं : प्रो मनोज दीक्षित -कुलपति

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि विश्वविद्यालय को राज्यों के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थापित करना हमारी प्र्राथमिकता है। विश्व की प्राचीनतम राजधानी होने के नाते यह अवध क्षेत्र का अधिकार है। छात्र पुरातन समागम का उद्देश्य पुरातन छात्रों के नेटवर्क को व्यापक करना हैं। यह आवश्यक नहीं है कि इस नेटवर्क के जरिये सिर्फ आर्थिक तौर पर ही संसाधनों को विकसित किया जाये बल्कि इसके माध्यम से कई अन्य प्रकार के आपसी सहयोग विकसित किये जा सकते है। विश्वविद्यालय को साधन-सम्पन्न बनाये रखने में पुरातन छात्र-छात्राओं की अहम भूमिका हो सकती है।
पूर्व न्यायमूर्ति डी0पी0 सिंह उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने कहा कि शिक्षा का स्तर गुणवत्तापरक होना चाहिये

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि पूर्व न्यायमूर्ति डी0पी0 सिंह उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने कहा कि शिक्षा का स्तर गुणवत्तापरक होना चाहिये। इसके लिये आवश्यक है कि छात्र अपने जीवन में संयम का पाठ सीखे क्योंकि विपरीत परिस्थितियों में संयम ही मार्ग प्रषस्त करता है। समाज के उत्थान के लिये शिव जी ने भी विष का पान किया था। स्वंय के उत्थान के लिये अपमान से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। सभा का संबोधित करते हुए पूर्व सांसद डाॅ0 निर्मल खत्री ने कहा कि पुरातन छात्र परिषद का गठन विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि है। ऐसे कार्यक्रम से विश्वविद्यालय परिवार की समृद्ध परम्परा विकसित होगी जो विश्वपटल पर इसे एक नई पहचान दिलायेगा।
पर्वतारोही अरूणिमा सिन्हा ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिये विकल्प नहीं संकल्प की आवश्यकता होती है

विशिष्ट अतिथि पर्वतारोही अरूणिमा सिन्हा ने अपने उद्दबोधन में कहा कि जीवन में सफल होने के लिये विकल्प नहीं संकल्प की आवश्यकता होती है। चुनौती का सामना करना प्रत्येक व्यक्ति का परम दायित्व है। क्योंकि हम अपने भाग्य के लेखक होते है। प्रत्येक के जीवन में चढ़ाव व उतार आता है आत्मविश्वास आने वाले थपेड़ो से लड़ने की क्षमता देता है। छात्र अधिष्ठाता कल्याण प्रो0 आशुताष सिंन्हा ने अपने स्वागत वक्तव्य में आये अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। अन्य वक्ताओ मे प्रो0 ए0के वर्मा डाॅ0 शिवेन्द्र मौर्य, डाॅ0 सुनीता शास्त्री और श्रीमती मिथिलेश सिंह ने भी सभा को संबोधित किया। स्थापना दिवस के अनुक्रम में आयोजित इस पुरातन छात्र सम्मेलन के अवसर पर प्रतिष्ठित पुरातन छात्रों को सम्मानित किए जाने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के जिन ऐसे शिक्षक व छात्र-छात्राओं, जिन्होंने वर्ष 2016 व 2017 में अपने क्रियाकलापों से विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है, को भी उनकी उपलब्धियों के लिये प्रमाण-पत्र, ट्राफी एवं अंगवस्त्रम भेंटकर कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मानित किए जाने वालों में प्रमुख रूप से डा0 प्रवीण सिंह सावंत, प्रो0 एस0एन0 शुक्ल, प्रो0 जसवंत सिंह, डा0 नीलम यादव, डा0 सिकन्दर लाल, निधि सिंह पटेलए सार्थक श्रीवास्तव, प्रीती गुप्ता, विजय लक्ष्मी, योगेश्वर प्रसाद सहित कुल 13 को सम्मानित किया गया।
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