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सरकार का अश्वासन दिसंबर माह से शुरू हो सकता है मंदिर निर्माण – संत परमहंस दास

locationफैजाबादPublished: Oct 13, 2018 06:21:22 pm

Submitted by:

Satya Prakash

बोले परमहंस दास नहीं बना मंदिर तो शुरू होगा असहयोग आन्दोलन फिर भी न बनी बात तो कर लूँगा आत्मदाह

ayodhya

सरकार का अश्वासन दिसंबर माह से शुरू हो सकता है मंदिर निर्माण

अयोध्या : राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर अनशन करने वाले महंत परमहंस दास लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में पांच दिनों के लगातार इलाज के बाद उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुकालात कर वापस अयोध्या पहुंचे.
राम मंदिर निर्माण को लेकर शुरू किया था अनशन

बताते चलते हैं कि अयोध्या राम घाट स्थित तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास राम मंदिर निर्माण को लेकर पीएम मोदी को अयोध्या आने की मांग को लेकर एक अक्टूबर से आमरण अनशन कर रहे थे | इस दौरान शासन प्रशासन द्वारा लगातार अनशन को समाप्त कराने की कोशिशे की गई. इसके लिए शासन से कैबिनेट मंत्री सतीश महाना भी मान मनौवल के अयोध्या पहुंचे थे | लेकिन को कोशिश सफल नहीं हो सकी ,जिसके बाद खराब स्वस्थ्य का हवाला देकर जबरन संत परमहंस दास को अनशन स्थल से उठाकर लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ लगभग पांच दिनों तक इलाज चला.
सीएम के अश्वासन के बाद तोड़ा अनशन

अयोध्या वापसी के बाद महंत परमहंस दास ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि अचानक अनशन से हमें प्रशाशन बल पूर्वक उठा कर लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती करा दिया | जहाँ पर डाक्टरों द्वारा इलाज के लिए हमने मना किया तो बल पूर्वक दवा की गयी | वहीँ महंत ने कहा कि हम उसी समय अपने मन में हमने प्रण कर रखा था कि जब तक अपनी इच्छा से अनशन को समाप्त नहीं करता हूँ तब तक मेरा अनशन चलता रहेगा. लेकिन कई दिनों के इलाज के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करायी गयी | इस दौरान सीएम से वार्ता कर अपनी मांगो को लेकर पीएम मोदी से वार्ता कराने की बात कहीं हैं इस अश्वासन पर अपने अनशन को तोड़ा है |
नहीं बना मंदिर तो कर लूँगा आत्मदाह

महंत परमहंस दास ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ से वार्ता के दौरान चुनाव आचार संहिता लगने से पहले राम मंदिर निर्माण की घोषणा करने की बात कही हैं इसके लिए चाहे न्यायालय में फैसला के माध्यम या देश में अध्यादेश ला कर घोषणा किया जाए. अगर केंद्र सरकार को ठोस कदम नहीं उठाएगी तो एक बार फिर महात्मा गाँधी की रांह पर चलकर देश में असहयोग आन्दोलन की शुरूवात की जाएगी यदि उस पर भी सरकार नहीं मानेगी तो आत्मदाह कर लूँगा | लेकिन अभी हमें विश्वास हैं कि 1 दिसंबर से पहले स्थिति साफ हो जायेगी . राम मंदिर को लेकर बहुत से लोग राजनीति कर रहे हैं इसके लिए बहुत से राम भक्तो का खून बह चुका हैं इसलिए सभी राजनीति पार्टी के लोग अब धर्म और आस्था के नाम पर खिलवाड़ न करें और देश में राजनीतिक स्वच्छता दिवस के रूप सभी पार्टियाँ एक जुट हो कर मंदिर का निर्माण कराये और एक स्वच्छ राजनीति का प्रारंभ करें.
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