scriptबड़ी खबर : पूर्व जस्टिस ने कहा अब सुलह के लिए नही बचा है वक्त बेमतलब की बातें कर रहे हैं लोग | Retired justice Virendra Chaube Big Statment On Shri Shri Ravishankar | Patrika News

बड़ी खबर : पूर्व जस्टिस ने कहा अब सुलह के लिए नही बचा है वक्त बेमतलब की बातें कर रहे हैं लोग

locationफैजाबादPublished: Nov 15, 2017 06:04:57 pm

हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास के कानूनी सलाहकार और रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र चौबे ने कहा कि जो पक्षकार नहीं है वो सुलह की वार्ता कर रहे हैं

Retired justice Virendra Chaube Big Statment On Shri Shri Ravishankar

Shri Shri Ravishankar

फैजाबाद . पूरी दुनिया में मंदिर मस्जिद विवाद के कारण चर्चा का केंद्र रही अयोध्या में आपसी सुलह समझौते का आधार पर सुलह की कोशिशों को झटका लग रहा है , आध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर गुरुवार को अयोध्या आने वाले हैं जहां वह मंदिर मस्जिद मुकदमे के पक्षकारों से मिलकर आपसी समझौते के आधार पर विवाद के हल का रास्ता तलाशेंगे लेकिन इस पहल की पहली कड़ी में ही इस मुहीम को धक्का लगता नज़र आ रहा है क्युंकी मुकदमे के पक्षकारों में ही इस मुहीम को लेकर खास दिलचस्पी नहीं देखी जा रही है वहीँ इस मुहीम को लेकर हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास के कानूनी सलाहकार और रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र चौबे ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो पक्षकार नहीं है वो सुलह की वार्ता कर रहे हैं,जिससे आम जनता भ्रमित हो रही है,सुलह की वार्ता में वास्तविकता कहां है यह कोई नहीं समझ रहा बस बेसिर-पैर के लोग सुलह की वार्ता कर रहे हैं. पूर्व जस्टिस ने कहा कि अब सुलह के लिए समय नहीं है और इस समस्या का समाधान सिर्फ सुप्रीम कोर्ट से ही होना है,पूर्व जस्टिस वीरेंद्र चौबे हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास के कानूनी सलाहकार हैं और राम मंदिर मामले में काफी अरसे से जुड़े हुए हैं . उनके इस बयान ने कहीं न कहीं ये सवाल खड़ा कर दिया है कि श्री श्री की इस मुहीम का आखिर मकसद क्या है .बताते चलें कि श्री राम जन्मभूमि के मामले में श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से लेकर विश्व हिंदू परिषद भी इस तरह के किसी प्रयास को निरर्थक मान रही है और संतों का ध्यान आगामी 24 नवंबर को कर्नाटक के रूप में होने वाली धर्म संसद की ओर है .विश्व हिंदू परिषद भी संतो के निर्णय का इंतजार कर रही है जानकारों का यही मानना है कि इस विवाद का एकमात्र हल सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला ही है या तो कानून बनाकर अयोध्या में इस विवाद का हल किया जा सकता है बाकी सुलह-समझौते जैसी कोई गुंजाइश नहीं बची है .ऐसे में श्री श्री की मुहीम की सार्थकता पर मुहीम शुरू होने से पहले ही सवाल उठने लगे हैं .
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो